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राजगढ़

मासूमों को गर्म सरिए से दागा, निमोनिया होने पर 6 महीने से 1 साल तक के बच्चों को सरिए से दागते रहे

  • 05 Oct 2021

राजगढ़। मासूमों को हुए निमोनिया का इलाज गर्म सरिए से दागकर किया जा रहा है। यह हैरान करने वाला मामला राजगढ़ जिले में सामने आया है। यहां निमोनिया, वायरल से बड़ी तादाद में बच्चे बीमार हुए हैं। घर वालों ने इलाज के नाम पर बच्चों के पेट पर जगह-जगह गर्म सरिए से दाग डाला। इसके बाद जब तबीयत बिगडऩे लगी, तो 3 बच्चों को जिला अस्पताल लाया गया।
डॉक्टरों के अनुसार, जिले में इन दिनों बड़ी संख्या में बच्चे निमोनिया और वायरल के शिकार हो रहे हैं। निमोनिया के कारण बच्चों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। जिला अस्पताल में मोयाखेड़ा गांव की रहने वाली सुनीता निमोनिया से पीडि़त 6 महीने के बेटे नयन को लेकर आई है।
सुनीता ने बताया कि बेटे को निमोनिया हो गया था। उसकी पसलियां चल रही थीं, इसलिए उसके दादाजी ने गांव के एक बुजुर्ग से उसके शरीर पर गर्म सलाखों से निशान लगवाए, हालांकि नयन को इससे आराम नहीं हुआ। उसे अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। नयन की तरह ही जिला अस्पताल में पिछले 10 दिनों में तीन बच्चे ऐसे आए हैं, जिनके शरीर पर ऐसे दागे जाने के निशान मिले हैं। अंधविश्वास के कारण परिजन बीमार बच्चों को गर्म सलाखों से दगवा रहे हैं।
3 बच्चों के शरीर पर मिले दागे जाने के निशान
शिशु रोग विशेषज्ञ आरएस माथुर ने बताया कि जिला अस्पताल में इस प्रकार से बच्चे आ रहे हैं, जिनके शरीर पर दागे जाने के निशान मिले हैं। पिछले 8-10 दिनों की ही बात करें, तो ऐसे 3 बच्चों को भर्ती किया है। ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी भ्रांतियां हैं कि दागे जाने से निमोनिया ठीक हो जाता है। उन्हें समझना चाहिए कि बच्चा पहले से ही निमोनिया से परेशान है, ऐसे में उसे दाग कर उसकी तकलीफ को और बढ़ाया जा रहा है। दागने से निमोनिया ठीक नहीं होगा। ऐसे में दूसरी बीमारी होने का भी खतरा बढ़ जाता है। जागरूकता के अभाव में भी लोग ऐसा कर रहे हैं। जिला अस्पताल के शिशु वार्ड में अभी 65 बच्चे भर्ती हैं, जिनमें से 5 बच्चे ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं। इनमें से कई को निमोनिया है।