भोपाल। प्रदेशभर में मंगलवार को आंधी, बारिश और ओलों के गठजोड़ ने खेत तबाह कर दिए। नर्मदापुरम जिले के 94 से ज्यादा गांव में गेहूं, चने की फसल बुरी तरह प्रभावित हुई है। शिवपुरी के 18 से ज्यादा, तो श्योपुर के 7 गांव में ओलों ने फसलें खराब की हैं।
खंडवा, बैतूल, छिंदवाड़ा, दमोह, छतरपुर, सागर, सीहोर, विदिशा, रायसेन, दमोह, हरदा, बुरहानपुर, शाजापुर, बड़वानी, देवास जिले में भी ओले गिरे। गेहूं, चने और सरसों की फसलें खेतों में आड़ी पड़ी हैं। उज्जैन के तराना और घट्टिया में ओलों से फसलों को नुकसान हुआ है। कलेक्टर ने सर्वे के निर्देश दिए हैं।
एग्रीकल्चर एक्सपर्ट और केंद्रीय कृषि मंत्रालय की विशेषज्ञ समिति के सदस्य योगेश द्विवेदी का कहना है कि ओले गिरने से गेहूं और चने की फसल को 30% तक नुकसान होगा। दाने पतले होंगे।
नर्मदापुरम में प्रशासन ने नुकसान का सर्वे कराना शुरू कर दिया है। सोमवार रात से मंगलवार रात तक इटारसी, सिवनीमालवा के 72 गांवों में ओला-बारिश हुई। हिरणखेड़ा गांव में 200 ग्राम से ज्यादा वजन के ओले गिरे। संयुक्त कलेक्टर अनिल जैन ने बताया बारिश से नर्मदापुरम तहसील के 22, ओलावृष्टि-बारिश से सिवनीमालवा के 40 और इटारसी क्षेत्र के 32 गांवों की फसल को नुकसान पहुंचा है।
खंडवा जिले में इस साल रबी सीजन में करीब 2.25 लाख हेक्टेयर रकबे में गेहूं तो 90 हजार हेक्टेयर में चने की फसलों की बोवनी हुई। कृषि विभाग के अनुसार फरवरी के अंतिम सप्ताह तक 20% फसलों की कटाई हो पाई थी। सूखकर काटने के लिए तैयार और हरी 80% फसलें अब भी खेतों में लहलहा रही थीं। हरसूद तहसील में शत प्रतिशत नुकसान हुआ। खंडवा, पंधाना, पुनासा, छैगांवमाखन, खालवा व बलड़ी तहसील में 50 फीसदी नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है।
बुरहानपुर जिले में गेहूं, चने और मक्का फसल को नुकसान तो हुआ ही है, कुछ खेतों में केला-तरबूज फसल भी प्रभावित हुई है। इससे उत्पादन में कमी आएगी। किसानों को भाव भी कम मिलेंगे। तेज बारिश से 50 से ज्यादा गांवों में फसलों को नुकसान हुआ है। नेपानगर तहसील के अंबाड़ा, सारोला, नेपानगर, उमरदा, हिंगना, लिंगा, महलगुलआरा समेत 10 से ज्यादा गांव में नुकसान हुआ। बारिश के साथ ओले गिरे।
बैतूल जिले में शाहपुर ब्लॉक के 6 गांव में ओलावृष्टि और 5 गांव में बारिश - आंधी फसल आड़ी हो गई। चिचोली ब्लॉक के 7 गांव में ओलावृष्टि और घोड़ाडोंगरी के 11 गांव में बारिश आंधी से फसलों को नुकसान हुआ। शाहपुर ब्लॉक के वनग्राम बरेठा में ओलावृष्टि से 80 प्रतिशत फसलों को नुकसान हुआ है। इस गांव के किसान पिरमू की बेटी की शादी मई माह में होने वाली है। पिरमू ने साढ़े तीन एकड़ में गेहूं की फसल लगाई थी। किसान को 50 क्विंटल गेहूं पैदा होने का अनुमान था। उसका कहना है कि बेटी के हाथ पीले करने के लिए अब रिश्तेदारों से कर्ज लेना पड़ सकता है।
सागर संभाग के सभी जिलों में बारिश हुई। टीकमगढ़, छतरपुर और दमोह जिले में कुछ स्थानों पर ओले भी गिरे। खेतों में खड़ी गेहूं, मटर, चना, सरसों फसल को नुकसान हुआ है। टीकमगढ़ जिले के पलेरा, चंदेरा, स्यावनी, खरो, जरूवा, कछियागुड़ा सहित कई गांव में 20 मिनट तक ओलावृष्टि हुई। कछिया गुड़ा गांव में 20 से 50 ग्राम वजनी ओले गिरे। दमोह जिले के अधरोटा, शीशपुर पटी सहित अन्य गांव में बेर के आकार के ओले गिरे। जबेरा ब्लॉक के भजिया सहित आसपास के गांव में भी ओले गिरे हैं।
भोपाल
मौसम की मार से बिगड़ी फसलें, गेहूं-चने लगाने वाले किसान परेशांन - नर्मदापुरम के 94 से ज्यादा गांव में फसलें बिछीं
- 28 Feb 2024