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मणिपुर में फिर हिंसा, मैतेई समुदाय के 3 की मौत; बफर जोन में फायरिंग

  • 05 Aug 2023

इंफाल. मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. बीती रात हुई हिंसा में 3 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई घरों में आगजनी की गई है. इस हिंसा के बाद हालात और तनावपूर्ण हो गए हैं. शनिवार सुबह भी विष्णुपुर के क्वाक्टा इलाके से जबरदस्त फायरिंग हो रही है. पुलिस भी जवाबी कार्रवाई कर रही है.
यह गोलीबारी कुकी बहुल पहाड़ी इलाके से हो रही है. पहाड़ी इलाकों से बम और ड्रोन से हमला किया जा रहा है. भीषण फायरिंग की यह घटना फायर जोन में मौजूद 'आज तक' के कैमरे में भी कैद हुई है. मणिपुर पुलिस, सीडीओ, कमांडो जवाबी कार्रवाई कर रहे हैं. 
बिष्णुपुर में हुई हिंसा कर बाद लोगों में गुस्सा है. इस बीच मणिपुर में एक कमांडो को हेड इंज्यूरी हुई है और उसकी स्थिति काफी क्रिटिकल बनी हुई है. कमांडो को बिष्णुपुर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है. यहां महिलाओं में काफी रोष हैं और महिलाएं सड़क पर बैठकर प्रोटेस्ट कर रही हैं. यहां अर्द्ध सैनिक बलों को तैनात किया गया है.
दरअसल बीती रात विष्णुपुर में 3 स्थानीय लोगों की हत्या के बाद हालात तनावपूर्ण हो गए हैं.पहाड़ी इलाकों से आए ड्रोन को पुलिस और स्थानीय हथियारबंद ग्रामीण मार गिराने की कोशिश कर रहे हैं. सीमा पर स्नाइपर और कमांडो तैनात किए गए हैं.
आपको बता दें कि बीती रात बिष्णुपुर में मैतेई समुदाय के तीन लोगों की हत्या कर दी गई थी. इसके अलावा कुकी समुदाय के लोगों के घरों में आग लगा दी गई है. पुलिस सूत्रों का कहना है कि कुछ लोग बफर जोन को पार करके मैतेई इलाकों में आए और उन्होंने मैतेई इलाकों में फायरिंग की. बिष्णुपुर जिले के क्वाक्टा इलाके से दो किमी से आगे तक केंद्रीय बलों ने बफर जोन बनाया है. 
इससे पहले गुरुवार की शाम को बिष्णुपुर में कई जगहों पर फायरिंग के बाद हालात तनावपूर्ण बन गए थे. अनियंत्रित भीड़ की सुरक्षाकर्मियों के साथ झड़प भी हुई. मणिपुर पुलिस की ओर से बताया गया कि सुरक्षा बलों ने सात अवैध बंकरों को नष्ट कर दिया.
जानकारी के मुताबिक, अनियंत्रित भीड़ ने बिष्णुपुर जिले में दूसरी आईआरबी यूनिट की चौकियों पर हमला किया और गोला-बारूद समेत कई हथियार लूटकर ले गए. मणिपुर पुलिस ने बताया कि भीड़ ने मणिपुर राइफल्स की दूसरी और 7टीयू बटालियन से हथियार और गोला-बारूद छीनने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षा बलों ने उन्हें खदेड़ दिया.  
मणिपुर में 3 मई को सबसे पहले जातीय हिंसा की शुरुआत हुई थी. मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) में शामिल किए जाने की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' आयोजित किया था. तब पहली बार मणिपुर में जातीय झड़पें हुईं. हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की जान चली गई और सैकड़ों लोग घायल हो गए.  
मणिपुर की आबादी में मैतेई समुदाय की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं. कुकी और नागा समुदाय की आबादी 40 प्रतिशत से ज्यादा है. ये लोग पहाड़ी जिलों में रहते हैं. 
साभार आज तक