भोपाल। राजधानी सहित प्रदेश भर के 3900 पेट्रोल पंपों में से बुधवार को लगभग 1000 पेट्रोल पंप सूख गए। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक 500 भारत व हिन्दुस्तान पेट्रोलियम और 500 पंप नायरा व रिलांयस पंपों पर पेट्रोल-डीजल नहीं मिला। वहीं इंडियन पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल-डीजल मिलता रहा। सबसे ज्यादा परेशानी ग्रामीण इलाकों के पेट्रोल पंपों पर रही। भोपाल सहित प्रदेश भर में लगे ग्रामीण इलाके के पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल व डीजल नहीं मिलने से लोगों को शहरों में आकर पेट्रोल व डीजल लेना पड़ा। खजूरी कलां, बैरसिया, फंदा, नीलबड़ सहित शहर की सीमा के बाहर ग्रामीण क्षेत्र के 40 पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल नहीं मिला। शहर के आधा दर्जन पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल व डीजल कुछ घंटों तक नहीं मिला, लेकिन दो से तीन घंटों में पेट्रोल व डीजल की आपूर्ति की गई।
इधर भौंरी बकानिया में रिलायंस की डिपो से पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति करने का समय सुबह सात से सात पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति होती थी। दो घंटे आपूर्ति का समय कम कर दिया। आठ से पांच कर दिया है। मप्र पेट्रोल पंप एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय सिंह ने बताया कि दुनिया में कच्चे तेल की कीमत बढऩे से तेल कंपनियों को 28 प्रतिशत घाटा हो रहा है, इसलिए पेट्रोल व डीजल की आपूर्ति में कटौती कर रही हैं। रिलांयस ने कच्चा तेल रिफाइंड करके यूरोपीय देशों को भेजा है। इससे भी आपूर्ति प्रभावित हुई है। भोपाल में रिलांयस का डिपो है, जिससे भारत, हिन्दुस्तान पेट्रोलियम पेट्रोल व डीजल लेती हैं। रिलांयस ने अपने पेट्रोल पंप बंद करके आपूर्ति का समय भी घाटा दिया है। ग्रामीण इलाकों के पंपों पर पेट्रोल व डीजल की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। यदि हालात नहीं सुधरे तो आगामी दिनों में खरीफ की फसल की बोवनी प्रभावित होगी। बोवनी के समय डीजल की खपत चार गुना तक बढ़ जाती है। शासन-प्रशासन को दखल देकर पेट्रोल व डीजल की आपूर्ति व्यवस्था दुरुस्त करानी चाहिए।
भोपाल
मध्य प्रदेश में लगभग 1000 पेट्रोल पंप सूखे, 40 प्रतिशत आपूर्ति घटी
- 16 Jun 2022