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जबलपुर

मप्र चिकित्सा विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने लीक किया था प्रश्नपत्र!

  • 12 Jul 2022

जबलपुर मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान चिकित्सा विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक व दो सहायक कुलसचिवों पर प्रश्नपत्र लीक करने के आरोप लगाए गए हैं। मप्र स्टूडेंट यूनियन के पदाधिकारियों ने पत्रकार वार्ता में आरोप लगाते हुए कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा कार्रवाई करने की जगह जिम्मेदार तीनों अधिकारियों को अभयदान दे दिया गया।
यूनियन के अभिषेक पांडे, अमन तिवारी और शिवांशु कनौजिया ने कहा कि 10 जून 2022 को बीएएमएस की एनाटामी विषय की परीक्षा का आयोजन किया गया था। चिकित्सा विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डा. सचिन कुचया, सहायक कुलसचिव डा. पंकज बुधोलिया और डा. निधि द्वारा प्रश्नपत्र लीक कर छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया। हैरानी की बात यह है कि सारे सबूत मिलने के बाद भी आरोपित अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं की जा रही है।
बिंदुवार दी जानकारी-
पेपर सेटर से कभी भी प्रश्नपत्र का मार्डरेशन नहीं कराया जाता है। परंतु डा. निधि श्रीवास्तव को नियम विरुद्ध तरीके से मार्डरेटर बनाया गया।
- परीक्षा प्रारंभ होने के आधे घंटे बाद तक परीक्षा केंद्र में परीक्षार्थियों को प्रवेश की अनुमति होती है। डा. निधि श्रीवास्तव को पेपर मार्डरेशन के बाद 10 जून को विश्वविद्यालय में परीक्षा प्रारंभ होने के आधे घंटे बाद तक रुकना अनिवार्य था।
-डा. सचिन कुचया, डा. पंकज बुधोलिया ने डा. निधि श्रीवास्तव को 10 जून को प्रात: 10:30 बजे विश्वविद्यालय से बाहर जाने की अनुमति देकर प्रश्नपत्र लीक कराया
- एनाटामी का उक्त प्रश्न पत्र 10 जून को प्रात: 11.20 बजे प्रारंभ हुआ था। अत: डा. निधि श्रीवास्तव को नियमानुसार प्रात: 11.50 तक विश्वविद्यालय में रुकना अनिवार्य था। परंतु उन्हें 10.30 बजे विश्वविद्यालय से जाने की अनुमति दे दी गई।
-विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग का दायित्व था कि निर्धारित समय पर 11 बजे एनाटामी का प्रश्नपत्र आरंभ हो। चूंकि डा. श्रीवास्तव को ही पता था कि मार्डरेशन के बाद कौन सा प्रश्नपत्र आना है। इसलिए उन्हें 10.30 बजे विश्वविधालय छोडऩे के पश्चात जानबूझकर परीक्षा प्रारंभ करने में 50 मिनट का विलंब किया गया।
- विश्वविद्यालय परीक्षा शाखा के अधिकारियों द्वारा रतलाम के एक निजी महाविद्यालय के परीक्षार्थियों को फायदा पहुंचाने की कोशिश की गई। जहां 10 जून को दोपहर 2.30 बजे एनाटामी परीक्षा कराई गई थी।