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खंडवा

मप्र में भारत जोड़ो यात्रा का दूसरा दिन ... टंट्या भील की जन्मस्थली पर राहुल की सभा

  • 24 Nov 2022

यात्रा में पहली बार प्रियंका, रॉबर्ट वाड्रा और बेटा रेहान भी साथ
खंडवा। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा खंडवा के बोरगांव बुजुर्ग से शुरू हो चुकी है। अब तक 8 किमी चल चुके हैं। मध्यप्रदेश में यात्रा का यह दूसरा दिन है। राहुल के साथ मध्यप्रदेश कांग्रेस के तमाम नेता और उनकी बहन प्रियंका गांधी भी यात्रा में पैदल चल रही हैं। आज यात्रा का 78वां दिन है। प्रियंका पहली बार इस यात्रा में शामिल हुई हैं। उनके साथ रॉबर्ट वाड्रा और उनके बेटे रेहान वाड्रा भी हैं। कन्हैया कुमार भी यात्रा में चल रहे हैं। इससे पहले सोनिया गांधी 1 दिन के लिए यात्रा में शामिल हुई थीं।
आज सुबह राहुल गांधी रुस्तमपुर पहुंच चुके हैं। वे यहां टंट्या भील की जन्मस्थली जाएंगे। यहां जनसभा होगी। इसके बाद डूल्हार के गुरुद्वारा में लंच ब्रेक होगा। यहां से यात्रा छैगांव माखन के लिए चलेगी, वहां नुक्कड़ सभा के बाद दूसरे दिन का सफर खत्म होगा। रात्रि विश्राम खरगोन जिले के खेरदा में होगा। प्रदेश में यात्रा की शुरुआत बुधवार को बुरहानपुर के बोदरली गांव से हुई है। यात्रा 12 दिन में 6 जिलों को नापती हुई 4 दिसंबर को राजस्थान में एंट्री करेगी।
ढाबे पर की राहुल ने चाय
राहुल गांधी रुस्तमपुर गांव में एक ढाबे पर चाय पीने के लिए रुके।  उधर, यूथ कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी ने संगठन पर नाराजगी जताई। पराग शर्मा ने कार्यकर्ताओं से कहा- 150 झंडे थे, 20 ही दिख रहे हैं। बाकी कहां गए। यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी कार्यकर्ताओं को फटकारा। भारत जोड़ो यात्रा की रिहर्सल के दौरान कार की टक्कर से घायल एसआई भूपेंद्र गुर्जर ने इलाज के दौरान इंदौर में दम तोड़ा। उनका अंतिम संस्कार भिंड जिले में पैतृक गांव में होगा।
मध्यप्रदेश में दूसरे दिन की यात्रा खंडवा जिले के बोरगांव बुजुर्ग से शुरू होकर छैगांव माखन में खत्म होगी। इस यात्रा का सफर करीब 65 किलोमीटर है। इस दूरी को ऐसे समझ सकते हैं कि बोरगांव बुजुर्ग से खेरदा की दूरी 48 किलोमीटर है। वहीं, राहुल गांधी रास्ते में टंट्या भील की जन्मस्थली बडौदा अहीर जाएंगे, जो मेन हाईवे पर रुस्तमपुर से 10 किलोमीटर दूर है। वहीं, यात्रा की वापसी बडौदा अहीर से पंधाना होकर डूल्हार फाटा पर होगी, जो करीब 12 किलोमीटर दूर है।
यानी 21 किलोमीटर का सफर अलग से होगा। इस तरह, डूल्हार से रुस्तमपुर के बीच की 4 किलोमीटर दूरी घटा दें, तो कुल 65 किलोमीटर की दूरी होगी। 65 किलोमीटर की यात्रा में टंट्या भील जन्मस्थली जाने के लिए राहुल गांधी को वाहन से 20 किलोमीटर का सफर (आना-जाना) तय करना पड़ेगा। इसी तरह, छैगांव माखन में खंडवा तिराहे पर देर शाम नुक्कड़ सभा होगी। नुक्कड़ सभा के बाद राहुल गांधी की पदयात्रा यहीं खत्म हो जाएगी। यहां से वाहन में सवार होकर वे 20 किलोमीटर दूर खरगोन जिले में प्रवेश कर खेरदा में रात्रि विश्राम करेंगे। यानी राहुल गांधी 65 किलोमीटर की यात्रा में 23 किलोमीटर ही पैदल चलेंगे। बाकी सफर वाहन में सवार होकर पूरा करेंगे।
भारत जोड़ो यात्रा के 77वें दिन राहुल गांधी ने मप्र में एंट्री की। यात्रा की शुरुआत बुरहानपुर के बोदरली गांव से हुई। करीब 10 किमी चलने के बाद मॉर्निंग ब्रेक बुरहानपुर के जेवियर कॉलेज में हुआ। यहां से यात्रा पौने 4 बजे फिर शुरू हुई और शाम को बुरहानपुर के ट्रांसपोर्ट नगर पहुंची। यहां पर राहुल गांधी ने आमसभा को संबोधित किया। इसके बाद उन्होंने नाइट स्टे बुरहानपुर के झिरी में किया।
श्रीनगर में लहराएंगे तिरंगा
राहुल ने कहा- ये यात्रा हमने कन्याकुमारी में शुरू की थी। जब हमने शुरू की तो विपक्ष के लोगों ने कहा था कि हिंदुस्तान 3600 किमी लंबा है। यह पैदल नहीं किया जा सकता। हम मध्यप्रदेश में आए हैं। यहां 370 किमी चलेंगे। यह तिरंगा हम श्रीनगर में लहराएंगे। इसे कोई नहीं रोक सकता। यह तिरंगा श्रीनगर जाएगा। यात्रा के पीछे 3 लक्ष्य है। सबसे पहला- जो नफरत, हिंसा और डर हिंदुस्तान में फैलाया जा रहा है, उसके खिलाफ यह यात्रा है। देखिए, तरीका क्या है क्चछ्वक्क का। सबसे पहले डर फैलाओ। किनके दिल में डर। युवाओं के दिल में डर। कैसे-बेरोजगारी बढ़ाकर। किसानों के दिल में डर। कैसे- सही दाम न देकर। बीमा का पैसा न देकर, कर्जा माफ न कर के। मजदूरों के दिल में डर। मनरेगा का पैसा न देकर। पहले ये डर फैलाते हैं। जब यह डर फैल जाता है, तब हिंसा में बदल देते हैं। हिंसा कोई चीज नहीं होती। हिंसा डर का एक रूप है। जो डरता नहीं वो हिंसा नहीं कर सकता। जो डरता है, वहीं हिंसा करता है। यात्रा का पहला लक्ष्य- किसान, मजदूर और युवा के मन से डर हटाना है। इस हिंदुस्तान में किसी को डरने की जरूरत नहीं है। हम जहां चल रहे हैं, युवाओं से मिल रहे हैं। इसी बीच मंच से एक बच्चे से नाम पूछा- क्या नाम है? जवाब मिला रूद्रा। तुम्हारी उम्र क्या है। 5 साल। राहुल गांधी ने पूछा- बड़े होकर क्या बनना चाहते हो। बच्चा बोला- डॉक्टर। बच्चे को मंच पर लाया गया। राहुल ने बच्चे का हाथ उठाया। उस बच्चे के सपने को लेकर बात की। कहा- ये बच्चा डॉक्टर बनना चाहता है। आज के हिंदुस्तान में रूद्र का सपना पूरा नहीं हो सकता। मैं 70 दिनों से चल रहा हूं। हर प्रदेश में रूद्र जैसे बच्चे और युवाओं से मिला। 5 साल, 10 साल के बच्चों और 20 साल के युवाओं से मिलता हूं। कोई डॉक्टर तो कोई इंजीनियर बनाना चाहता है।