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महाकाल के दरबार में फर्जीवाड़ा

  • 06 Oct 2021

फर्जी अनुमति जारी कर भस्म आरती में करा रहे थे प्रवेश, 5 सुरक्षाकर्मियों पर केस दर्ज, तीन गिरफ्तार
उज्जैन। महाकाल मंदिर की सुरक्षा में लगे सुरक्षाकर्मियों द्वारा ही फर्जी तरीके से अनुमति देने का बड़ा मामला सामने आया है। दर्शन करने आए श्रद्धालुओं से पैसे लेकर भस्म आरती में प्रवेश देने को लेकर मंदिर प्रशासन ने 6 लोगों पर एफआईआर कराई है। इनमें महाकाल मंदिर की सुरक्षा एजेंसी के पांच और एक सत्कार शाखा में तैनात कर्मचारी है। सभी छह आरोपियों पर धोखाधड़ी के मामले में धारा 420 के तहत महाकाल थाने में केस दर्ज किया गया है। एफआईआर के बाद तीन आरोपियों की गिरफ्तारी कर ली गई है। तीनों को आज कोर्ट में पेश किया जाएगा।
तीन गिरफ्तार आरोपियों में से दो मुख्य किरदार हैं। पहला मंगल पिता राजेंद्र तिवारी निवासी नई सड़क प्रोटोकॉल कार्यालय में तैनात है। जबकि दूसरा संजय पिता रमेशचंद्र राठौर निवासी आलोट जागीर तहसील नागदा का निवासी है। संजय ने ही दर्शनार्थियों को टिकट मुहैया कराए थे, जबकि मंगल ने फर्जी टिकट तैयार किए थे। जबकि एक अन्य सुरक्षा कर्मी संजय पिता तेजाराम मालवीय निवासी ग्राम बड़सिंबा तहसील तराना को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। घटना 2 अक्टूबर की है। बाहर से आए कुछ श्रद्धालु महाकाल मंदिर क्षेत्र के होटल विजय पैलेस में ठहरे हुए थे। महाकाल मंदिर में आसानी से दर्शन कराने और भस्म आरती में शामिल कराने के लिए केएसएस कंपनी सुरक्षा कर्मी सुरेश राठौर ने बातचीत की। केएसएस कंपनी महाकाल मंदिर में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती करती है।
सूत्रों के मुताबिक पूरे मामले में होटल कर्मचारी, प्रोटोकॉल कर्मचारी और सुरक्षा एजेंसी के कर्मचारियों की मिलीभगत की बात सामने आ रही है। होटल कर्मचारी श्रद्धालुओं को वर्तमान दर्शन व्यवस्था की जटिलता बताकर उन्हें अधिक पैसे लेकर दर्शन कराने का आश्वासन देते थे। सत्कार कर्मचारी मंगल तिवारी सुरक्षा एजेंसी के कर्मचारियों को उसके बताए अनुसार नकली पास बनाकर देता था। जिसका मंदिर प्रबंध समिति के पास कोई रिकॉर्ड नहीं होता है। बताया जा रहा है कि इसी नकली कार्ड के आधार पर ही श्रद्धालुओं को अंदर जाने से रोका गया तो उन्होंने सुरक्षा एजेंसी कर्मचारी राठौर का नाम बताया। इसके बाद जांच में अन्य पांच कर्मचारियों के नाम भी सामने आते गए।
दर्शनार्थियों को प्रोटोकॉल की सुविधा देते हुए उन्हें नकली टिकट थमा दिए गए। दरअसल 11 सितंबर से शुरू हुई भस्म आरती के लिए अब प्रोटोकॉल के तहत दर्शन करने वालों का विधिवत फॉर्म भराया जाता है और उनसे रसीद भी कटाई जाती है। लेकिन इनके केस में जांच के दौरान रिकॉर्ड में कोई भी फॉर्म प्रोटोकॉल कार्यालय में नहीं मिला। यानी सभी टिकट नकली ही प्रिंट करके दे दिए गए।
इन कर्मचारियों द्वारा मंदिर प्रबंध समिति को आर्थिक नुकसान पहुंचाने, धोखाधड़ी करने और मंदिर की छवि को धूमिल करने के मामले में कलेक्टर के निर्देश पर महाकाल थाने में केस दर्ज किया गया है। कलेक्टर ने चेतावनी देते हुए कहा कि भविष्य में इस तरह की अनियमितता सामने आई तो इससे भी कड़ी सजा दी जाएगी।
श्रद्धालुओं से डील करने वाला सुरेश राठौर शिकायत की जानकारी लगते ही ड्यूटी छोड़कर फरार हो गया है। बताया जा रहा है कि राठौर यदि पकड़ा जाता है तो उससे पूछताछ की जाएगी। जिससे यह पता चलेगा कि यह ठगी का धंधा कब से चल रहा है और इसमें कौन-कौन शामिल हैं।
10 लोगों को दिया था टिकट
भस्म आरती के लिए ऑफलाइन परमिशन 10 लोगों को दी गई थी। प्रत्येक टिकट के बदले 800 से 1 हजार रुपए तक वसूले गए थे। इस मामले में कलेक्टर आशीष सिंह से शिकायत की गई थी।
श्रद्धालुओं के लिए आसान की है प्रक्रिया -
कलेक्टर आशीषसिंह ने कहा कि पूरी दर्शन प्रक्रिया व भस्मआरती की प्रक्रिया पारदर्शी है। हमने भस्मआरती के लिए नियम बना रखे हैं। उन्हीं नियमों का पालन करते हुए श्रद्धालुओं को दर्शन करना चाहिए। उन्हें किसी दलाल या जल्द दर्शन कराने का आश्वासन देने वालों पर भरोसा नहीं करना चाहिए।
रैकेट में कौन-कौन शामिल
सभी छह आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ की जाएगी। इसमें यह पता लगाया जाएगा कि इस रैकेट में कौन-कौन शामिल हैं। साथ ही ये लोग कब से दर्शनार्थियों को ठग रहे हैं। होटल संचालकों से भी सांठगांठ पता की जाएगी।
तीन गिरफ्तार, तीन गिरफ्तारी जल्द  
आज हमने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। शेष तीन की तलाश की जा रही है। अलग-अलग जगह टीमें भेजी गई हैं। जल्द ही उनकी भी गिरफ्तारी कर ली जाएगी।