भस्म आरती की स्वीकृत 1705 अनुमति में 1400 श्रद्धालु पहुंचे
उज्जैन,निप्र। श्री महाकालेश्वर मंदिर में प्रतिदिन होने वाली भगवान महाकालेश्वर की भस्म आरती के दौरान देश भर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हंै। मंदिर प्रशासन के पास शिकायत पहुंची थी कि किसी और की अनुमति पर अन्य श्रद्धालु भी भस्म आरती के दौरान प्रवेश करते हंै। रविवार अल सुबह मंदिर प्रशासक ने भेष बदल कर औचक निरीक्षण किया। 1705 की अनुमति में मात्र 1400 लोग ही भस्म आरती के लिए पहुंचे थे। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि निरीक्षण की सूचना के बाद वे 300 कौन लोग थे,जो भस्म आरती की अनुमति के बाद भी नहीं पहुंचे।
मंदिर प्रशासक ने भेष बदल कर किया निरीक्षण
श्री महाकाल मंदिर समिति द्वारा देश भर से बाबा महाकाल के दर्शन को आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधाएं बढ़ाने के साथ ही दर्शन की सुचारू व्यवस्था पर ध्यान दिया जा रहा है। दो दिन पहले ही मंदिर प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ने आदेश जारी कर सुबह भस्म आरती के दौरान विभिन्न शासकीय विभागों व अन्य तरह से प्रोटोकॉल अटेंडर के रूप में श्रद्धालुओं को लाकर नंदी हाल व अन्य स्थानों पर बैठने वाले अटेंडर लोगों का प्रवेश बंद कर दिया है। इसके बाद भस्म आरती के लिए केवल मंदिर में अनुमति वाले श्रद्धालुओं को ही प्रवेश देने की व्यवस्था से अटेंडर के रूप में आने वाले करीब 60 लोगों की संख्या कम हो गई हंै। व्यवस्थाएं देखने के लिए रविवार की रात मंदिर प्रशासक श्री धाकड़ भस्म आरती के लिए गमछा चेहरे पर डाल कर भेष बदलकर मंदिर पहुंचे थे। जब श्री धाकड़ ने मंदिर के चारों गेट पर चेकिंग के दौरान कर्मचारियों पर नजर रखी तो इसकी सूचना भी तेजी से पहुंच गई। प्रवेश गेट पर श्रद्धालुओं की अनुमति चेक करने की प्रक्रिया शुरू हुई तो मंदिर में अंतिम प्रवेश होने तक केवल 1400 लोगों ही पहुंचे थे। जबकि रविवार को सुबह होने वाली भस्म आरती के लिए करीब 1705 की अनुमति जारी हुई थी। ऐसे में मना जा रहा है कि प्रशासक के औचक निरीक्षण की जानकारी लगने के बाद दूसरे लोगों की अनुमति पर अन्य लोगों का प्रवेश नही होने से संख्या कम हो गई। जबकि शिकायत यह भी थी कि अनुमति किसी के नाम से बनती थी और ऐन वक्त पर प्रवेश अन्य व्यक्ति को कराया जाता था।
प्रवेश गेट व चेकिंग की व्यवस्था देखी
समिति प्रशासक श्री धाकड़ ने बताया कि भस्म आरती को लेकर कई तरह की शिकायतें मिल रही थी। इसे लेकर सबसे पहले हमने शासकीय विभाग व अन्य तरह से प्रोटोकॉल अटेंडर बनकर आने वाले लोगों पर आदेश निकाल कर रोक लगाई। जिसके माध्यम से करीब 50 से 60 लोगों की उपस्थिति कम होने से दूसरे श्रद्धालुओं को सुविधापूर्वक दर्शन हो सके है। इसके बाद शिकायत मिली थी कि भस्म आरती के लिए अनुमति किसी और के नाम पर बनती थी और मौके पर दूसरे लोग प्रवेश करते थे। इसके बाद रविवार देर रात को अलग-अलग प्रवेश गेट जांच कर निरीक्षण किया गया। रविवार सुबह के लिए करीब 1705 लोगों की अनुमति जारी हुई थी। जब जॉंच सख्ती से हुई तो इनमें केवल 1400 श्रद्धालु ही पहुंचे थे। इससे जाहिर है कि जिन श्रद्धालुओं को अन्य लोगों की अनुमति पर प्रवेश दिया जा रहा था। वे रविवार को निरीक्षण होने की सूचना के बाद पकड़ में आने के डर से पहुंचे ही नहीं।
गड़बड़ी मिलने पर कर्मचारियों की सेवा समाप्त होगी
समिति प्रशासक श्री धाकड़ ने कहा कि महाकाल मंदिर की व्यवस्था में किसी भी तरह की गड़बड़ी पकड़ में आती है तो संबंधित कर्मचारियों की सेवा समाप्त करने के साथ ही एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी।
उज्जैन
महाकाल मंदिर प्रशासक ने भेष बदल कर भस्म आरती अनुमति की जॉंच की
- 21 Oct 2024