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उज्जैन

महाकाल मंदिर में भीड़ का मामला ... प्रशासन भीड़ के अनुमान में ही चूका पुलिस का सूचना तंत्र कमजोर रहा

  • 28 Jul 2021

उज्जैन। महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए आए देशभर के श्रद्धालु बुरा अनुभव लेकर गए हैं। श्रावण के पहले सोमवार को श्रद्धालुओं के बेकाबू हो जाने के पीछे प्रशासन की अनदेखी और आने वाले श्रद्धालुओं का पूर्व अनुमान नहीं लगा पाना है। जबकि इसके पहले रविवार को ही सोमवार जैसी भीड़ आ चुकी थी। प्रशासन को इससे अनुमान लगा लेना चाहिए था कि सोमवार को क्या स्थिति बन सकती है। जबकि सीएम के आने और सवारी के कारण दर्शन के समय में कटौती की गई थी।
एक्सपर्ट मानते हैं कि अब पूरे श्रावण-भादौ के सामान्य दिनों के साथ शनिवार, रविवार तथा सोमवार को सवारी के दिन की विशेष व्यवस्था तय करना चाहिए। भीड़ को काबू करने के लिए जूता स्टैंड, क्लॉक रूम, प्रसाद काउंटर, सशुल्क दर्शन काउंटर आदि को हरसिद्धि चौराहे की तरफ शिफ्ट करना चाहिए। इससे प्रवेश और निर्गम द्वार पर भीड़ नहीं होगी। दर्शन कर निकले श्रद्धालु मंदिर की ओर वापस नहीं जाएंगे। महाकालश्वर मंदिर पर सोमवार सुबह दर्शन रोक दिए जाने के बाद श्रद्धालुओं की भीड़ बेकाबू हो गई थी और बेरिकेड्स गिराकर श्रद्धालु पुलिस को धकियाते हुए मंदिर में घुस गए थे। सवारी मार्ग के आसपास भी श्रद्धालुओं के जमा होने पर पुलिस रोक नहीं लगा पाई। सवारी लौटने के बाद दर्शन शुरू करने के दौरान भी भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस को लाठियां फटकारने की नौबत आई। इन बेकाबू हालातों में भगवान महाकाल की कृपा ही थी कि हादसा नहीं हुआ। यह हालात उस समय थे जब पूरा प्रशासन और पुलिस मंदिर और सवारी की व्यवस्था में जुटे थे।
अधिकारी इन स्थितियों को देखने के अलावा कुछ नहीं कर सके। जहां जो तात्कालिक निर्णय लिए जा सकते थे, उससे परिस्थिति को रोकने के प्रयासों के अलावा कुछ करने की स्थिति ही नहीं थी। सोमवार को बनी इन परिस्थितियों ने प्रशासन को फिर से सोचने को मजबूर कर दिया है। अधिकारियों का मानना है कि शनिवार, रविवार और सोमवार की दर्शन और सवारी की व्यवस्थाओं को लेकर नए सिरे से निर्णय लेना पड़ेंगे।