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उज्जैन

‘महाकाल योजना’ का काम समय से पिछड़ा, जुलाई तक प्रोजेक्ट पूरे होना मुश्किल

  • 06 Apr 2023

उज्जैन। महाकाल मंदिर परिसर विस्तार एवं विकास योजना का काम समय से काफी पिछड़ गया है। जुलाई- 2023 तक प्रोजेक्ट पूरे होना मुश्किल दिखाई पड़ रहे हैं। मुख्य वजह, निर्माण एजेंसी स्मार्ट सिटी कंपनी के अधीक्षण यंत्री द्वारा बार-बार ड्राइंग-डिजाइन, सामान (आइटम) बदलना और स्वीकृति काफी विलंब से जारी करना है। इसका असर भविष्य में प्रोजेक्ट की लागत बढ़ने के रूप में भी दिखाई पड़ सकता है। फिलहाल की स्थिति यह है कि पिछले वित्तीय वर्ष में उज्जैन स्मार्ट सिटी कंपनी की वित्तीय कार्य प्रगति 20 प्रतिशत भी नहीं रही है। इसका फायदा मासिक वेतन पर काम कर रही परियोजना विकास एवं प्रबंधन का काम देख रही सलाहकार फर्म ‘आईपीइ ग्लोबल’ को मिल रहा है। काम समय पर गुणवत्ता के साथ पूरा हों, इसके लिए कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने गुरुवार को प्रोजेक्ट स्थलों का मौका मुआयना किया और काम तेजी से करने के निर्देश दिए।
अफसरों को समय पर काम करने की चिंता
मालूम हो कि महाकाल मंदिर परिसर विस्तार एवं विकास योजना के दूसरे चरण काम पिछले वर्ष इसी माह शुरू किए गए थे। तत्कालीन कलेक्टर आशीष सिंह ने 8 अप्रैल 2022 को हुई समीक्षा बैठक में महाराजवाड़ा भवन उन्नयन, शिखर दर्शन, अन्न क्षेत्र, रामघाट सुंदरीकरण कार्य, रूद्र सागर पर पैदल ब्रिज निर्माण, हरिफाटक ब्रिज के छोर पर मेघदूत वन और सरफेज पार्किंग विकास योजना सहित सभी कार्य जून- 2023 तक पूर्ण कराने के निर्देश स्मार्ट सिटी कंपनी और आईपीइ ग्लोबल को दिए थे। उन्होंने सभी प्रोजेक्ट स्थल पर टाइमर बोर्ड लगवाए थे, ताकि ठेकेदार और अफसरों को समय पर काम पूर्ण कराने की चिंता रहे। बोर्ड लगे, मगर निर्माण की गति धीमी रही। क्योंकि धरातल पर काम करने के लिए बार-बार संशोधित की गई ड्राइंग-डिजाइन ठेकेदारों को विलंब से दी गई।
कुछ की संशोधित ड्राइंग-डिजाइन तो अब भी नहीं मिली है। बीच में कुछ सप्ताह काम ठेकेदारों के पुराने बिलों का भुगतान अटकाने से भी रूका रहा। ये मामला संज्ञान में आने पर नवागत कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने ठेकेदारों के लंबित बिलों का भुगतान कराया। 12 दिन पहले स्मार्ट सिटी कंपनी के कार्यकारी निदेशक रोशन कुमार सिंह ने काम को गति देने के लिए प्रत्येक प्रोजेक्ट के ठेकेदार से अलग-अलग चर्चा की। उनकी समस्याएं सुनीं और निराकरण का आश्वासन दिया, पर निराकरण नहीं हुआ। बुधवार को कलेक्टर महाकाल योजना के प्रोजेक्ट स्थलों का निरीक्षण करेंगे, ये जानकारी मंगलवार को समार्ट सिटी कंपनी के अफसर को मिलने पर ठेकेदारों को मौखिक आदेश जारी हुआ कि काम चालू है ये दिखाने को ‘मशीनरी’ लगाओं। ड्राइंग-डिजाइन न होने पर भी काम कैसे करे, इस पीड़ा से जुझते हुए भी ठेकेदारों ने आदेश का पालन किया। यही ‘नौटंकी’ ठेकेदारों ने बीते सप्ताह कार्यकारी निदेशक रोशन कुमार सिंह के निरीक्षण के दरमियान भी की थी।
महाकाल सवारी मार्ग चौड़ीकरण के लिए दोबारा निकालना पड़ी निविदा
महाकाल सवारी मार्ग चौड़ीकरण के लिए स्मार्ट सिटी कंपनी को दोबारा निविदा निकालना पड़ी है। कारण, निविदा में सिर्फ एक ही ठेकेदार फर्म की प्रतिभागिता मिलना रही। उन ठेकेदारों ने निविदा में भाग ही नहीं लिया जिनके पास पहले से स्र्मार्ट सिटी कंपनी के प्रोजेक्ट है। बता दे कि रामघाट से जुड़े कुल 800 मीटर लंबे तीन महाकाल सवारी मार्गों को मार्गों को स्मार्ट सिटी कंपनी चौड़ा करना चाह रही है। ये मार्ग माधव सेवा न्यास से चौबीस खंभा माता मंदिर तक, रामघाट से झालरिया मठ और बंबईवाला धर्मशाला तक चौड़ा किया जाना है। मार्ग चौड़ीकरण और निर्माण पर लगभग 15 करोड़ रुपये खर्च होने की संभावना है। वर्तमान रोड 6 से 10 मीटर चौड़ा है।