उज्जैन। ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर से संपूर्ण जगत में उज्जैन की पहचान है, और इस मंदिर के सामने से ही अतिक्रमण है। अतिक्रमण भी एक-दो लोगों का नहीं, बल्कि दर्जनों लोगों का, जिन्होंने अपने घर के आगे नाली से 20 फीट आगे तक सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर हार-फूल, प्रसाद, श्रृंगार की दुकानें तान ली है।
छोटे-छोटे रेस्त्रां खोल लिए हैं। इस स्थिति से आसपास के रहवासियों का शांति से गुजर-बसर करना भी मुश्किल हो गया है। मुख्य सड़के पीछे की पट्टी में रहने वाले लोगों की तो आवाजाही तक बाधित हो गई है। प्रभावित लोगों का कहना है कि कई मर्तबा अफसरों को शिकायत की, मगर कभी निराकरण के लिए कदम नहीं उठाया।
मालूम हो कि उज्जैन को स्वच्छ और सुंदर बनाने को पिछले माह नगर निगम ने छत्री चौक, फव्वारा चौक, बेगमबाग, तोपखाना, देवासगेट से अतिक्रमण हटाया था। सड़क किनारे खुले रूप से मांस-अंडे बेचने पर प्रतिबंध लगाया था। उपायुक्त चंद्रशेखर निगम ने भारी विरोध को ठंडा कर कार्रवाई को अंजाम दिया था।
कई लोगों का सामान तक जब्त किया था। इस कार्य के लिए नगर निगम अधिकारियों को बजट परिचर्चा में प्रबुद्ध जनों की ओर से बधाई भी मिली थी। साथ ही यह उम्मीद जागी थी कि अगले चरण में महाकालेश्वर मंदिर के ठीक सामने से और फ्रीगंज क्षेत्र से भी अतिक्रमण हटेंगे। यहां की सड़के भी लोगों को आवाजाही के लिए खुली मिलेंगी।
हालांकि ऐसा नहीं हुआ। इसके पीछे वजह राजनीतिक दबाव माना जा रहा है। लोगों का कहना है कि अतिक्रमण का मुद्दा सिर्फ चर्चा बना है, वास्तविक रूप से जिन अतिक्रमणकर्ताओं पर कार्रवाई होना चाहिए, उन पर कभी की ही नहीं गई। निगम ने बीते माह, बीते वर्ष जितने भी अतिक्रमण हटाए वो सड़क पर ठेला, गुमटी लगाने वाले उन कमजोर आय वर्ग के लोगों के या उस विशेष वर्ग के जो भाजपा सरकार और उनके ‘मुलाजिमों’ से फिलहाल किसी तरह का बैर नहीं लेना चाहते।
सिंहस्थ क्षेत्र से भी नहीं हटा रहे
सिंहस्थ क्षेत्र से भी नगर निगम और राजस्व विभाग का अतिक्रमण नहीं हटा रहा है। हां, अतिक्रमण हटाने के लिए मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक, कलेक्टर कई मर्तबा निर्देश जरूर दे चुके हैं। इन निर्देशों की कागजी खानापूर्ती करने के लिए वर्ष 2016 के बाद हुए 331 अतिक्रमण की सूची भी बना ली गई है, मगर इससे आगे कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। वजह भी साफ है।
सिंहस्थ क्षेत्र से भी नहीं हटा रहे
सिंहस्थ क्षेत्र से भी नगर निगम और राजस्व विभाग का अतिक्रमण नहीं हटा रहा है। हां, अतिक्रमण हटाने के लिए मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक, कलेक्टर कई मर्तबा निर्देश जरूर दे चुके हैं। इन निर्देशों की कागजी खानापूर्ती करने के लिए वर्ष 2016 के बाद हुए 331 अतिक्रमण की सूची भी बना ली गई है, मगर इससे आगे कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। वजह भी साफ है।
उज्जैन
महाकालेश्वर मंदिर के सामने से नहीं हटा रहे अतिक्रमण, बेअसर हुई शिकायतें
- 24 Mar 2023