भोपाल। नगर निगम से भ्रष्टाचार समाप्त करने के वादे के साथ महापौर बनीं मालती राय के शपथ लेते ही उनके खिलाफ लोकायुक्त जांच की फाइल खुल गई है। 15 साल पहले एमपी नगर में सीमेंट-कंक्रीट सड़कों के निर्माण में भाजपा के तत्कालीन 39 पार्षदों को कॉन्ट्रैक्टर को 85 लाख रुपए का अधिक भुगतान करने के मामले में दोषी पाया गया था। वर्तमान महापौर मालती राय भी उस परिषद में पार्षद थीं। इन नोटिस पर 26 जुलाई की तारीख दर्ज है, लेकिन महापौर मालती राय को यह नोटिस उनके शपथ ग्रहण के अगले दिन यानी 7 अगस्त को प्राप्त हुआ है।
तत्कालीन लोकायुक्त रिपुसूदन दयाल ने इन पार्षदों को अयोग्य घोषित करने और 85 लाख रुपए की वसूली करने की सिफारिश के साथ यह मामला संभागायुक्त को भेजा था। तब से कई संभागायुक्त बदल गए, उस परिषद का कार्यकाल भी समाप्त हो गया, लेकिन मामला नहीं सुलझा। पिछले 8 सालों से तो किसी भी संभागायुक्त ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया। बैरसिया विधायक विष्णु खत्री, पूर्व सांसद आलोक संजर, वर्तमान पार्षद पप्पू विलास के साथ अनिल अग्रवाल लिली, केवल मिश्रा, विष्णु राठौर और दिनेश यादव आदि उस समय पार्षद थे। परिषद में भाजपा का बहुमत होने के कारण भाजपा के रामदयाल प्रजापति परिषद अध्यक्ष थे। यह मामला तत्कालीन भाजपा पार्षद वंदना जाचक के वार्ड से संबंधित था, हाल ही में वे इसी क्षेत्र से चुनाव हार गईं। भाजपा के पार्षद अशोक पांडे नेता प्रतिपक्ष थे। पांडे का निधन हो गया है। तत्कालीन पार्षद परसराम मीणा, सरिता श्रीवास्तव आदि का भी निधन हो गया है।
बामरा ने शासन को लिखा मैं सुनवाई नहीं कर सकता
वर्तमान संभागायुक्त गुलशन बामरा के समक्ष यह मामला आया तो उन्होंने कहा कि इस घटनाक्रम के दौरान वे नगर निगम भोपाल के कमिश्नर थे, इसलिए मामले की सुनवाई वे नहीं कर सकते। राज्य शासन ने इसे नर्मदापुरम संभागायुक्त को भेज दिया। नर्मदापुरम संभागायुक्त माल सिंह ने इस मामले में सुनवाई के नोटिस जारी कर दिए। खास बात यह है कि यह नोटिस जब जारी हुए तो बामरा एक महीने के अवकाश पर हैं और माल सिंह के पास भोपाल संभागायुक्त का भी प्रभार है। पूर्व सांसद आलोक संजर और विधायक विष्णु खत्री भी उस समय पार्षद थे।
भोपाल
महापौर की शपथ लेने के अगले ही दिन 15 साल पुरानी भ्रष्टाचार की फाइल खुली
- 10 Aug 2022