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महिला अभियंता शिवानी मीणा और आकांक्षा कुमारी के बारे में जानें

  • 16 Sep 2022

देश की पहली महिला इंजीनियर ए ललिता ने महिलाओं के लिए इंजीनियरिंग की राह खोली। इसी दिशा में कई होनहार महिला इंजीनियर हुईं, जिन्होंने सिर्फ इंजीनियरिंग की डिग्री नहीं ली, बल्कि अपने काम से अभियंताओं की श्रेणी में महिलाओं के लिए स्थान बना लिया।
15 सितंबर को भारत के महान इंजीनियर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया का जन्म हुआ था। विश्वेश्वरैया ने आधुनिक भारत के निर्माण में विशेष योगदान दिया। कई बड़ी नदियों पर बांध और पुल बनाएं। उनके योगदान को याद करते हुए इंजीनियरों के सम्मान में इस दिन को मनाते हैं। आज भारत के पास कई होनहार और अव्वल दर्जे के इंजीनियर हैं। इनमें महिलाएं और पुरुष दोनों शामिल हैं। देश की पहली महिला इंजीनियर ए ललिता थीं। जिन्होंने महिलाओं के लिए इंजीनियरिंग की राह खोली। इसी दिशा में कई होनहार महिला इंजीनियर हुईं, जिन्होंने सिर्फ इंजीनियरिंग की डिग्री नहीं ली, बल्कि अपने काम से अभियंताओं की श्रेणी में महिलाओं के लिए स्थान बना लिया। चलिए जानते हैं ऐसी ही महिला इंजीनियर के बारे में, जिन्होंने अपने क्षेत्र में इतिहास रच दिया।
पहली महिला खनन इंजीनियर
आकांक्षा कुमारी भूमिगत खदान में काम करने वाली पहली महिला खनन इंजीनियर हैं। झारखंड के हजारीबाग जिले की रहने वाली आकांक्षा ने बिरसा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी सिंदरी से स्नातक किया है। महज 25 साल की उम्र में आकांक्षा कुमारी ने कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) को ज्वाइन किया और सीआईएल की दूसरी महिला खनन इंजीनियर बन गईं। आकांक्षा झारखंड में उत्तरी करनपुरा क्षेत्र में चुरी भूमिगत खदानों में सीआईएल में शामिल होने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। सीआईएल में काम करने से पहले आकांक्षा ने राजस्थान में हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड की बलरिया खान में तीन साल काम किया था।
पहली उत्खनन इंजीनियर शिवानी मीणा
आकांक्षा कुमारी की तरह ही राजस्थान की शिवानी मीणा ने भी इंजीनियरिंग के क्षेत्र में इतिहास रचा है। शिवानी मीणा सीसीएल की पहली उत्खनन इंजीनियर हैं। सीसीएल की रजरप्पा परियोजना में उनका खास योगदान रहा। शिवानी ने रजरप्पा क्षेत्र की मैकेनाइज्ड खुली खदान में काम किया। वह उत्खनन कैडर की पहली महिला इंजीनियर हैं, जिन्होंने खुली खदान में कार्य किया। शिवानी मीणा राजस्थान के भरतपुर की रहने वाली हैं। उन्होंने आईआईटी जोधपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की शिक्षा हासिल करने के बाद भारी भरकम मशीनों के रखरखाव और मरम्मत की जिम्मेदारी संभाली।