फिर होता है गरीब ठेले वालों के साथ अन्याय, बिगड़ जाती है यातायात व्यवस्था जिम्मेदार कौन...
इन्दौर। शहर में जब कभी कोई मंत्री आता है विशेष कर वो मंत्री जो चल रही सरकार का हो, तब पूरे शहर में थोड़ी-थोड़ी सी दूरी में यातायात विभाग और पुलिस विभाग के तीन से चार अधिकारी दिखाई देते हैं और सबसे बड़ी गाज उन गरीब ठेले वालों पर गिरती है जो अपनी रोजी रोटी चलाने के लिये सड़क किनारे ठेले लगकर फल, सब्जी या और कुछ बेचते है। निगमकर्मी आते है और बेचारे गरीबों को अपशब्द कहकर सड़क किनारे से अपनी रोजी रोटी कमाने वालों को भगा देते हैं।
मात्र पांच मिनट के लिये ठेले वालों को घंटो पहले हटवा दिया जाता है, फिर उनके घर का चूल्हा जले या ना जले। इससे मंत्री महोदय को कोई फर्क नहीं पड़ता,आखिर वो वीआईपी जो ठहरे। ऐसे ही इन मंत्रियों के आने पर घंटों पहले वाहनों का निकलना भी बंद कर दिया जाता है। फिर चाहे आपको कितना भी जरुरी काम हो, आपको जाने तो तभी मिलेगा जब मंत्री जी निकल जाएंगे और फिर रुके वाहनों के निकलने से जाम की स्थिति बन जाती है और इस सब के लिये वो मंत्री ही जिम्मेदार है जिनकी वजह से ये स्तिथि आती है। कभी खुद ये मंत्री ट्रैफिक में निकल कर देखे तो पता चलेगा कैसे परेशान होती है जनता इनके चक्कर में।
इंदौर
यातायात हो या पुलिस विभाग या फिर निगम, मंत्रियों के आने पर हो जाते है ऐक्टिव
- 07 Oct 2021