भोपाल,(एजेंसी)। अब यूनिवर्सिटी में भी लोकपाल नियुक्त होंगे। ये स्टूडेंट्स की ऐसी शिकायतों का समाधान करेंगे, जिनका हल शिकायत निवारण कमेटी नहीं खोज पा रही है। यह छात्रों से जुड़े मामलों की सुनवाई भी करेंगे। इस समय सीएम हेल्पलाइन में ही छात्रों की 200 से 250 शिकायतें पेंडिंग हैं।
पूर्व कुलपति, रिटायर प्रोफेसर जिन्होंने डीन, एचओडी के रूप में काम किया हो और उनके पास स्टेट, सेंट्रल या राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों में काम करने का अनुभव रहा हो, ऐसे ही व्यक्ति की लोकपाल के पद पर नियुक्ति होगी। यूजीसी ने इस संबंध में गाइडलाइन भी जारी कर दी है। इसे शिकायत विनियम 2023 कहा जाएगा।
कॉलेजों में एसजीआरसी से करनी होगी शिकायत-
किसी भी यूनिवर्सिटी और उससे संबद्ध कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों के साथ ही इनमें एडमिशन लेने के इच्छुक छात्रों की शिकायत के निवारण के लिए लोकपाल नियुक्त किया जाना अनिवार्य किया गया है। किसी भी कॉलेज से संबंधित पीड़ित छात्र को अपनी शिकायत छात्र शिकायत निवारण समिति (एसजीआरसी) में करना होगी। कॉलेज में सीनियर प्रोफेसर इसके अध्यक्ष होंगे। चार प्रोफेसर सदस्य रहेंगे। अध्यक्ष का कार्यकाल दो साल का होगा।
यहां मदद करेंगे लोकपाल-
अगर पीड़ित छात्र एसजीआरसी के निर्णय के विरुद्ध अपील करेगा तो उसकी सुनवाई लोकपाल करेगा। लोकपाल परीक्षा के संचालन, मूल्यांकन में गड़बड़ी आदि की जांच भी करवा सकता है। छात्रों द्वारा भेदभाव संबंधी शिकायतों की सुनवाई के लिए न्याय मित्र भी रहेंगे। लोकपाल को पीड़ित छात्रों से अपील प्राप्त होने के 30 दिन के भीतर शिकायतों का समाधान करना होगा।
हर साल 1000 शिकायतें करते हैं छात्र-
सुनवाई का संचालन करने के लिए लोकपाल को संबंधित यूनिवर्सिटी द्वारा तय नियमों के अनुसार प्रतिदिन प्रति बैठक के आधार पर फीस का भुगतान करना होगा। इसी के साथ वे यात्रा पर किए खर्च की प्रतिपूर्ति के भी पात्र होंगे। सीएम हेल्पलाइन में हर साल कॉलेज छात्रों द्वारा विभिन्न प्रकार की 1000 से ज्यादा शिकायतें की जाती है।
यह भी रहेगा खास, तैयार करना होगा आॅनलाइन पोर्टल-
यूजीसी ने स्पष्ट किया है कि प्रत्येक संस्थान को आॅनलाइन पोर्टल तैयार करना होगा। जहां कोई भी पीड़ित छात्र अपनी शिकायत के निवारण के लिए आवेदन कर सकता है। आॅनलाइन शिकायत प्राप्त होने पर संस्थान 15 दिन के भीतर अपनी टिप्पणी सहित उस शिकायत को एसजीआरसी के पास भेजेगा। इसके बाद समिति सुनवाई के लिए तारीख तय करेगी। अगर समिति इसका समाधान नहीं करती तो इसे लोकपाल को भेजा जाएगा। अगर शिकायत झूठी पाई जाती है तो लोकपाल शिकायतकर्ता के विरुद्ध कार्रवाई की सिफारिश भी कर सकता है।
भोपाल
यूनिवर्सिटी में भी होंगे लोकपाल, छात्रों की फीस, मूल्यांकन में गड़बड़ी जैसी शिकायतों की सुनवाई करेंगे, 30 दिन में करना होगा समाधान
- 15 Apr 2023