इटली का सुपरवॉल्कैनो- कैम्पी फ्लेगरेई. वैज्ञानिकों ने आशंका जताई है कि यह किसी भी समय फट सकता है. ऐसा होता है तो आसपास रहने वाले 15 लाख लोग प्रभावित होंगे. विस्थापित भी हो सकते हैं. कैम्पी फ्लेगरेई का मतलब होता है "जलते हुए खेत" या "आग के मैदान".
इससे पहले इसमें भयानक विस्फोट 1538 में हुआ था. इस ज्वालामुखी की सबसे बड़ी बात ये है कि इसके आसपास जमीन के नीचे लावा की सुरंगें हैं. जो फिलहाल सैकड़ों सालों से फटी नहीं. अब इनके ऊपर लोगों के घर बने हैं. इन सुरंगों के ऊपर 15 लाख से अधिक लोग रहते हैं. 5 लाख लोगों का घर तो काल्डेरा के अंदर है.
यह काल्डेरा 39 हजार साल पहले हुए भयानक विस्फोट के बाद बना था. इस बार यह ज्वालामुखी फटता है तो यह बेहद खतरनाक हो सकता है. इससे निकलने वाली गर्म चट्टानें और जहरीली गैस वायुमंडल तक जा सकती हैं. इसका लावा और राख आसपास के गांवों और कस्बों के खेतों में लगी फसल खराब कर देगा.
विस्फोट के बाद आई आफत से कई जीव-जंतु विलुप्त होने की कगार पर पहुंच सकते हैं. यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में पृथ्वी विज्ञान के प्रोफेसर क्रिस्टोफर किलबर्न ने कहा कि कैम्पी फ्लेग्रेई टूटने के करीब पहुंच रहा है. इसका मतलब ये नहीं है कि विस्फोट होगा ही. लेकिन टूटने से एक बड़ी दरार पड़ सकती है.
इस दरार के जरिए ही मैग्मा बाहर आ सकता है. इस बार विस्फोट हुआ और इसकी कैटेगरी सुपरवॉल्कैनो तक जाती है, तो करीब 1000 क्यूबिक किलोमीटर से अधिक लावा निकल सकता है. यानी कैटेगरी 7 का विस्फोट. विस्फोट के बादल में निकलने वाले खतरनाक फ्लोरीन केमिकल से पौधे खत्म हो सकते हैं. जानवरों को फ्लोरोसिस बीमारी हो सकती है.
इस ज्वालामुखी ने 20वीं सदी के मध्य से ही हलचल शुरु कर दी थी. 1950, 1970 और 1980 के दशक में इसकी गतिविधि तेज हो गई थी. पिछले दस साल से यह ज्वालामुखी कुछ ज्यादा ही अशांत है. स्थिति ऐसी है कि ज्वालामुखी के पास मौजूद शहर पॉज्जुओली की जमीन हर साल 4 इंच ऊपर उठ रही है.
कैम्पी फ्लेग्रेई में 1950 के बाद से लगातार भूकंपीय गतिविधियां हो रही हैं. लगातार छोटे-छोटे भूकंप आ रहे हैं. इस साल अप्रैल में ही 600 से ज्यादा भूकंप दर्ज किए गए थे. इस इलाके में हर महीने कई बड़े भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं.
शोधकर्ताओं इन भूकंपों का कारण ज्वालामुखी के नीचे रिसने वाली गर्म गैसों को वजह माना है. ये गैस जमीन के अंदर वैसे ही घूमती हैं, जैसे स्पंज के अंदर पानी के कण. जमीन को खींचती हैं. मोड़ती हैं. फिसलती हैं. जिससे जमीन के अंदर भूंकप की गड़गड़ाहट होती है.
जब इन गैसों का दबाव ज्यादा होता है तब ऊपरी परत फट जाती है. लावा बाहर निकलने लगता है. राख का गुबार निकलता है. कैम्पी फ्लेग्रेई ज्वालामुखी का जमीन के नीचे सुरंगों का एक बड़ा नेटवर्क है. जो वेसुवियस ज्वालामुखी के सामने से होते हुए पॉज्जुओली की खड़ी तक फैले हैं.
साभार आज तक
विविध क्षेत्र
यूरोप का सबसे खतरनाक ज्वालामुखी कभी भी फट सकता है
- 28 Jun 2023