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ये है एक्सोलोल... जो अपना शरीर फिर से पैदा कर सकता है...

  • 02 Aug 2023

जवान बने रहने के लिए लोग क्या-क्या नहीं करते. लेकिन यह जीव अपने सारे अंगों को बदल डालता है. वह भी खुद से. बिना किसी सर्जन की मदद से. ये है एक्सोलोल. जो मेक्सिकन सैलामैंडर है. वहां के दो झीलों में पाया जाता है. इसकी प्रजाति गंभीर रूप से विलुप्त होने के कगार पर है. वजह है प्रदूषण और दूसरे जीवों का हमला. 
इंसान के हाथ-पैर कट जाएं तो दूसरा नहीं उगता. दिल में दिक्कत हो तो बदल सकते हैं. इंसानों की दिमाग और रीढ़ की हड्डी नहीं बदली जा सकती. न ही दोबारा विकसित होती है. लेकिन इस विचित्र जीव की खासियत यही है कि ये दिमाग, रीढ़ की हड्डी, दिल और हाथ-पैर फिर से पैदा कर लेता है. 
साल 1964 में ही वैज्ञानिकों ने यह खोज लिया था कि एक्सोलोल में यह शक्ति है कि वह अपने दिमाग के कुछ हिस्सों को दोबारा पैदा कर सकता है. विकसित कर सकता है. रीढ़ की हvड्डी, दिल और हाथ-पैर भी रीजेनरेट कर सकता है. इसके दिमाग का बड़ा हिस्सा निकाल भी दें तो भी यह दिमाग को फिर से विकसित कर लेता है. 
एक्सोलोल दिमाग की कोशिकाओं को फिर से विकसित कर उनके बीच संबंध भी स्थापित कर देता है. यह जानने के लिए इसके दिमाग का नक्शा बनाया गया. तब जाकर पता चला कि यह दिमाग को किस तरह से दोबारा विकसित कर लेता है. क्योंकि दिमाग के अलग-अलग हिस्सों की अलग-अलग कोशिकाएं अलग-अलग तरह का काम करती है. 
वैज्ञानिकों ने इसके सिंगल सेल आरएनए सिक्वेंसिंग की प्रक्रिया देखी. वैज्ञानिकों ने इसके दिमाग के सबसे बड़े हिस्से टेलेनसिफेलॉन की स्टडी की. टेलेनसिफेलॉन इंसान के दिमाग का भी बड़ा हिस्सा कहलाता है. इसी के अंदर होता है नियोकॉर्टेक्स. जो किसी भी जीव के व्यवहार और उसकी संज्ञानात्मक शक्ति को ताकत देता है. 
इस स्टडी से पता चला कि यह अपने दिमाग को अलग-अलग स्टेज में विकसित करता है. धीरे-धीरे. वैज्ञानिकों ने इसके दिमाग के टेलेनसिफेलॉन के एक बड़े हिस्से को बाहर निकाल दिया. इसके 12 हफ्तों के बाद उन्होंने देखा कि एक्सोलोल ने अपने दिमाग को हर हफ्ते धीरे-धीरे करके विकसित कर लिया. 
पहले फेज़ में प्रोजेनिटर सेल्स तेजी से बढ़े. ये घाव को भरने का काम करते हैं. दूसरे फेज़ में प्रोजेनिटर सेल्स न्यूरोब्लास्ट्स में अंतर पैदा करते हैं. तीसरे स्टेज में न्यूरोब्लास्ट्स अलग-अलग न्यूरॉन्स में तब्दील होने लगते हैं. ये वही न्यूरॉन्स होते हैं, जो टेलेसिफेलॉन के साथ बाहर निकाल दिए गए थे. इसके बाद नए न्यूरॉन्स ने दिमाग के पुराने हिस्सों के साथ संबंध बनाना भी शुरू कर दिया था. ये ताकत किसी और जीव में नहीं देखी गई है. 
साभार आज तक