नई दिल्ली. केंद्र सरकार की किसान संयुक्त मोर्चा की 5 सदस्यीय कमेटी के साथ बैठक जारी है. बताया जा रहा है केंद्र सरकार ने इस बैठक में किसानों के सामने नई पेशकश की है. बताया जा रहा है कि सरकार केस वापस लेने की मांग पर तत्काल प्रभाव से राजी हो गई है. उधर, राकेश टिकैत ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि सरकार केस वापस लेगी, तभी आंदोलन खत्म किया जाएगा.
दरअसल, केंद्र सरकार ने मंगलवार को किसानों को 5 पॉइंट का प्रस्ताव भेजा था. इसमें सरकार एमएसपी पर कमेटी बनाने के लिए तैयार थी. साथ ही सरकार ने साफ कर दिया था कि वह किसानों पर दर्ज केस वापस लेने के लिए तैयार है, लेकिन उससे पहले आंदोलन वापस लेना होगा. वहीं, किसानों की मांग है कि पहले केस वापस लिए जाएं, इसके बाद ही आंदोलन खत्म होगा.
सरकार ने भेजा था ये प्रस्ताव
1- सरकार के प्रस्ताव के मुताबिक, एमएसपी पर पीएम मोदी और बाद में कृषि मंत्री ऐलान कर चुके हैं कि कमेटी बनाई जाएगी, इसमें राज्य और केंद्र सरकार के अधिकारी होंगे. साथ ही किसान नेताओं को भी शामिल किया जाएगा. इसमें कृषि वैज्ञानिक भी शामिल होंगे. इतना ही नहीं इस कमेटी में किसान संयुक्त मोर्चा के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे.
2- प्रस्ताव के मुताबिक, जहां तक की आंदोलन की बात है, तो हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकार आंदोलन के खत्म होते ही केस वापस लेने के लिए तैयार है.
3- सरकार ने कहा है कि जैसे ही आंदोलन वापस होगा, जिस विभाग ने केस दर्ज किया है, वह अपने आप केस वापस ले लेंगे.
4- जहां तक की मुआवजे की बात है, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकार ने अपनी सहमति दी है. पंजाब सरकार मुआवजे को लेकर पहले ही ऐलान कर चुकी है.
5- जहां तक की बिजली बिल की बात है, इसमें सभी पक्षों का विचार सुना जाएगा. इसके बाद संसद में बिल पेश किया जाएगा.
5- पराली जलाने पर सरकार ने कहा है कि भारत सरकार द्वारा पारित अधिनियम में किसान को आपराधिक केस से छूट दी गई है.
किसानों ने इन बातों पर उठाई आपत्ति
1-किसानों का कहना है कि जो लोग कृषि कानूनों की ड्राफ्टिंग में शामिल थे, उन्हें एमएसपी पर कमेटी में शामिल नहीं किया जाएगा. सिर्फ संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल संगठनों को इसमें जगह दी जाए.
2- किसानों का कहना है कि पहले केस वापस ले सरकार, इसके बाद आंदोलन वापस लिया जाएगा. .
3- किसानों का कहना है कि सरकार सैद्धांतिक रूप से मुआवजा देने के लिए तैयार है, लेकिन जिस तरह से पंजाब सरकार ने उन्हें मुआवजा दिया है, वैसे ही आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों को मुआवजा मिलना चाहिए.
साभार आज तक