इंदौर। हाई कोर्ट द्वारा राज्यसेवा परीक्षा 2019 पर दिए गए निर्णय से दस हजार से ज्यादा उम्मीदवार सीधे प्रभावित हो रहे हैं। मप्र लोकसेवा आयोग (पीएससी) के सामने भी बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है। आयोग को करीब पौने चार लाख उम्मीदवारों के परिणामों की समीक्षा करनी होगी। आशंका गहरा रही है कि इन सबमें तीन वर्ष से जारी चयन प्रक्रिया ठंडे बस्ते में न डाल दी जाए।
प्रारंभिक तौर पर कहा जा रहा है कि राज्यसेवा-2019 में प्रारंभिक से लेकर मुख्य परीक्षा तक के परिणाम को कोर्ट के निर्णय के अनुरूप बदलकर फिर से जारी करने के निर्देश पीएससी को मिले हैं। राज्यसेवा-2019 की प्रारंभिक परीक्षा 2020 में हुई थी। इसमें 3.66 लाख उम्मीदवारों ने भाग लिया था। मुख्य परीक्षा के लिए 10,767 उम्मीदवार चुने गए थे। मुख्य परीक्षा के परिमाणों के आधार पर 1918 उम्मीदवारों को इंटरव्यू के आखिरी दौर के लिए चुना गया। इंटरव्यू अप्रैल में करने की घोषणा हुई थी, जो अब मुमकिन नहीं लग रहा। यदि पीएससी सभी परिणामों को फिर से तैयार करता है तो इसमें बड़े पैमाने पर अनारक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों के प्रभावित होने की आशंका खड़ी हो गई है।
फार्मूला ही गलत करार दिया
दरअसल, कोर्ट ने परिणाम तैयार करने में पीएससी द्वारा बीते वर्षों में लागू फार्मूले को गलत करार दिया है। पीएससी 2019 तक के परिणामों में आरक्षित वर्ग के प्रावीण्य सूची में आने वाले उम्मीदवारों को भी अनारक्षित श्रेणी की सीटों के बजाय उनके वर्ग की सीटों पर चयन कर रहा था। इसे आरक्षण की मूल भावना के खिलाफ मानते हुए आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। साफ है कि पीएससी के उस फार्मूले से आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों की चयन सूची में संख्या कम हो रही थी।
बीच का रास्ता निकालने की हो सकती है कोशिश -
परिणामों की समीक्षा करने पर अब यदि परिणाम में तब्दीली होती है तो आरक्षित वर्ग के कुछ और उम्मीदवार चयन सूची में जगह बना सकते हैं। ऐसे में यदि चयन सूची से किसी का नाम बाहर हुआ तो वे अनारक्षित वर्ग के ही उम्मीदवार होंगे। इस बीच पीएससी बीच का रास्ता भी निकालने की कोशिश भी कर सकता है ताकि किसी भी वर्ग के उम्मीदवार को बाहर न निकालना पड़े। यदि परिणामों में थोड़ा भी बदलाव होता है तो ज्यादा प्रभावित वे उम्मीदवार होंगे जो अंतिम दौर तक चयनित हो चुके हैं। प्रारंभिक परीक्षा में तो पीएससी पदों से 15 से 20 गुना तक उम्मीदवारों को चयनित करता है।
इंदौर
राज्यसेवा परीक्षा 2019 - पौने चार लाख उम्मीदवारों की सूची में होगा फेरबदल
- 09 Apr 2022