छोटे-मोटे फुटकर व्यापारियों से गुंडे करते हैं वसूली
इंदौर।। राजबाडा क्षेत्र में शनिवार को कुछ अलग सा माहौल नजर आ रहा था। आम दिनों की तरह यहां पर भीड़ भरा माहौल छट चुका था। दरअसल भीड़ भरे माहौल को अंजाम देने के लिए तथाकथित गुंडा तत्व यहां सुनियोजित तरीके से अवैध वसूली करते हैं। यहाँ किस तरह होती है वसूली, क्या है असली भीड़ का कारण ....। इसे लेकर डिटेक्टिव ग्रुप रिपोर्ट की टीम ने यहां जब जानकारी जुटाई तो चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है।
राजबाडा क्षेत्र का इमामबाड़ा जबरेश्वर महादेव मंदिर गोपाल मंदिर क्षेत्र में रोजाना इतना भीड़ भरा माहौल नजर आता है कि यहां से वाहन निकालना तो दूर पैदल गुजरना भी मुश्किल होता है। जबकि रोड यहां काफी चौड़ा है। दुकानों के सामने भी पर्याप्त जगह है लेकिन इन दुकानों के आगे दो दो तीन तीन की संख्या में फुटकर व्यवसाई अपनी दुकानें लगा लेते हैं। क्या इन फुटकर व्यापारियों की इतनी हिम्मत है जो यह किसी की दुकानों के आगे दुकान लगा लेवे। तो शायद आपका जवाब भी होगा नहीं....। लेकिन यह लोग यहां दुकानों के आगे दुकान लगाकर जबरदस्त भीड़ को एकत्रित करने में सहयोगी बने रहते हैं। पूरा राजबाडा क्षेत्र एक बड़ा व्यापारी क्षेत्र है। यहां सभी तरह के व्यापारियों का व्यवसाय अच्छा खासा फलता फूलता है। लेकिन अब चाहे जिस व्यक्ति को व्यवसाय करने के लिए यहां जगह नहीं मिल सकती है। यदि उन्हें जगह चाहिए तो कुछ लोग ऐसे भी हैं जो उन्हें जगह उपलब्ध करा देंगे। बदले में उन्हें रोजाना एक निश्चित नगद राशि देना होती है । इस मामले में जब कुछ लोगों से चर्चा की तो उन्होंने नाम नहीं बताने की शर्त पर बताया कि इस क्षेत्र में आधा दर्जन ऐसे पहलवान लोग हैं जो यहां पर फुटकर दुकानदारों से सो सो रुपए वसूली करते हैं , और उन्हें इस बात की इजाजत देते हैं कि वे कहीं भी खड़े रहकर अपना धंधा कर सकते हैं। यहां पैसा नगर निगम के अधिकारी कर्मचारी और पुलिस की जेब में भी पहुंचता है तभी तो सब के सब आंखें मूंदे अब तक बैठे हुए थे। तमाम शिकायतों के बाद भी कार्रवाई नहीं हो रही थी। गुंडे रुपया वसूलने के बाद इन फुटकर व्यापारियों को पूरा संरक्षण देते हैं ऐसे में यदि कोई दुकानदार विरोध करता है तो यह गुंडा तत्व उस दुकानदार के पास जाकर दादागिरी करते हैं बल्कि कई बार उन्होंने मारपीट तक की है। जब इन लोगों की दादागिरी ज्यादा बढ़ गई सब व्यापारी एसोसिएशन के पदाधिकारियों के नींद खुली और उन्होंने एकत्रित होकर निगम कमिश्नर के साथ ही पुलिस प्रशासन को भी शिकायते की। नतीजा यह हुआ कि 4 दिन पहले निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल ने व्यापारियों से वादा किया था कि वह 2 दिनों का समय देकर इन फुटकर व्यापारियों को सड़क पर व्यवसाय नहीं करने देंगे इसके लिए गुरुवार और शुक्रवार को नगर निगम ने मुनादी करवाकर सब को सावधान कर दिया और शनिवार से इनके खिलाफ सख्त अभियान चलाते हुए इन्हें सड़कों पर खड़ा नहीं रहने दिया। नतीजा यह हुआ कि यह फुटकर व्यापारी विरोध पर उतारू हो गए। लेकिन थोड़ी ही देर में पुलिस को देखकर इन की भीड़ स्वत: ही छठ गई यहां इमामबाड़ा क्षेत्र में शनिवार सुबह से ही पुलिस बल ने मोर्चा संभाल लिया था। पुलिस के कारण यहां किसी की हिम्मत नहीं हुई वहीं नगर निगम के कर्मचारी भी गाड़ियां लेकर लगातार डटे रहे इसके साथ ही दुपहिया वाहन पर सिपाही भी लगातार गश्त कर किसी को खड़े नहीं रहने दे रहे थे। जिसके चलते शनिवार को यहां का माहौल एकदम साफ और स्वच्छ नजर आ रहा था ना कहीं भीड़ थी ना ही कोरोना नियमो की अवहेलना होते हुए दिखाई दे रही थी। इमामबाड़ा क्षेत्र के यह व्यापारी इकट्ठा होकर नगर निगम कार्यालय पर निगम कमिश्नर को ज्ञापन देने भी जाने वाले थे लेकिन शनिवार को अवकाश होने के कारण यह लोग नगर निगम नहीं पहुंचे। अब देखने वाली बात यह है कि यह व्यवस्था कितने दिन तक टिकी रहती है।