इंदौर। जिले में राजस्व के हजारों आवेदन और प्रकरण लंबित हैं, जिनका निराकरण नहीं हो पाया है। कई आवेदन ऐसे हैं जिनको एक साल से अधिक हो चुका है, लेकिन आवेदक परेशान हो रहे हैं। कोरोना महामारी के कारण इंदौर में राजस्व प्रकरणों का निपटारा नहीं हो पाया है। इसकी एक वजह यह भी है कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में सभी शासकीय कार्यालय बंद रहे।
अपर कलेक्टर, एसडीएम और तहसीलदार जैसे जिम्मेदार अधिकारी भी कोरोना से बचाव के कार्यों में व्यस्त रहे। विभाग के आरसीएमएस पोर्टल पर दर्ज मामलों की संख्या भी बढ़ती जा रही। इनमें जमीन के नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन और डायवर्शन के केस शामिल हैं। सीएम हेल्पलाइन पर भी कई केस लंबित हैं। इनमें भी कई मामलों का निचले स्तर से निराकरण न होने से वे अगले लेवल पर पहुंच चुके हैं। कलेक्टर मनीषसिंह ने सभी राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि लंबित मामलों का तत्परता से निराकरण कर आवेदकों को राहत पहुंचाई जाए। पुराने लंबित मामलों का निराकरण पहले किया जाए। अब कोई बहाना नहीं सुना जाएगा। बताया जाता है कि कुछ अधिकारी राजस्व मामले निपटाने में अब भी सुस्त हैं। इस कारण उनको विशेष तौर पर हिदायत दी गई है कि वे लंबित केस जल्दी नहीं निपटाएंगे तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यदि जानबूझकर बिना किसी ठोस कारण के मामले लंबित पाए गए तो ऐसे मामलों को चिन्हित कर जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। शहरी क्षेत्र के अलावा ग्रामीण क्षेत्र में भी लंबित मामलों की संख्या काफी है।
इंदौर
राजस्व के हजारों लंबित प्रकरणों के निराकरण की चुनौती
- 26 Jul 2021