भोपाल। मध्यप्रदेश में सीजन में पहली बार रात का पारा अधिकांश इलाकों में 10 डिग्री से नीचे रहेगा। यह स्थिति 3 से 4 दिन तक रहेगी। वर्तमान में कुछ इलाकों में रात का तापमान 6 से 9 के बीच आ गया है। मौसम विभाग के अनुसार रात के बाद दिन का पारा भी नीचे आएगा। अब अधिकांश इलाकों में यह 26 डिग्री के नीचे आ गया है। उसके बाद वेस्टर्न डिस्टर्बेंस आने के बाद फिजा में बदलाव होगा। हालांकि कड़ाके की ठंड के लिए एक हफ्ते इंतजार करना होगा।
ग्वालियर-जबलपुर ज्यादा ठंडा रहेगा
अभी मौसम में सबसे ज्यादा ठंडक ग्वालियर और जबलपुर में पड़ रही है। यहां रात का पारा अधिकांश इलाकों में 8 डिग्री के नीचे आ गया है। जबलपुर में तो रात का पारा सामान्य से 5 डिग्री लुढ़कर 7 डिग्री तक आ गया है। यहां शीतलहर चली है। नौगांव, उमरिया और पचमढ़ी में भी रात का पारा 7 डिग्री के नीचे आ गया। ग्वालियर में सामान्य से ढाई डिग्री सेल्सियस गिरकर 8 डिग्री तक आ गया है। ऐसे में जबलपुर और ग्वालियर में अन्य इलाकों की अपेक्षा रात में ज्यादा ठंड पडऩे लगी है।
पचमढ़ी सबसे ठंडा
प्रदेश में पचमढ़ी में सबसे ज्यादा ठंड पडऩे लगी है। यहां रात का पारा 6 डिग्री तक आ गया है, तो दिन में अधिकतम तापमान 23 डिग्री पर अटक गया है। ऐसे में पचमढ़ी सबसे ज्यादा ठंडा रहा। हालांकि हिल स्टेशन होने के कारण मौसम विभाग इसे रिकॉर्ड में नहीं लेता। इसके अलावा, नरसिंहपुर और सिवनी में भी दिन का पारा 25 डिग्री सेल्सियस से नीचे आ गया। प्रदेश के अधिकांश इलाकों में दिन का पारा 30 डिग्री सेल्सियस से नीचे आ चुका है।
बुंदेलखंड-बघेलखंड में सताने लगी ठंड
मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड और बघेलखंड में अब ठंड सताने लगी है। न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे आ गया है। सबसे ठंडा नौगांव रहा, जहां रात का पारा 6 डिग्री सेल्सियस पर आ गया। खजुराहो, मंडला, रीवा, सतना, सीधी, उमरिया और मलाजखंड में भी परा 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे आ गया है।
अभी इसलिए बहुत ज्यादा ठंड नहीं
मध्यप्रदेश में इस बार 14 अक्टूबर में मानसून की विदाई हुई। इसी दौरान हिमालय में बर्फबारी होने से तेजी से तापमान में गिरावट दर्ज की गई और ठंड का एहसास होने लगा। मौसम शुष्क होने के कारण ऐसा हुआ। इसके बाद हिमालय में कम बर्फबारी हो रही है। वेस्टर्न डिस्टर्बेंस का स्ट्रांग नहीं होने के कारण से अभी तक ठंड ज्यादा नहीं पड़ रही है।
रात में तापमान ज्यादा गिर रहे
वैज्ञानिक साहू ने बताया कि रात में पारा सामान्य से 2 से 3 डिग्री सेल्सियस चल रहा है। इसका कारण मौसम पूरी तरह शुष्क है। हिमालय से हवाएं आ रही हैं, लेकिन बर्फबारी नहीं होने के कारण यह बहुत ज्यादा ठंडी नहीं है। इस कारण बहुत स्ट्रांग सिस्टम तैयार नहीं हो पा रहा है। इस कारण दिन का पारा सामान्य के आसपास ही चल रहा है, लेकिन मौसम शुष्क होने के कारण यह रात को यह सामान्य से बहुत ज्यादा कम चल रहे हैं।
यहां रात का पारा सबसे कम
मध्यप्रदेश में बीते 24 घंटों के दौरान रात का पारा अधिकांश इलाकों में 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे आ गया है। दतिया, गुना, ग्वालियर, पचमढ़ी, रायसेन, राजगढ़, छिंदवाड़ा, दमोह, जबलपुर, खजुराहो, मंडला, नौगांव, रीवा, सीधी और उमरिया में न्यूनतम पारा 6 डिग्री से 9 डिग्री सेल्सियस के बीच है।
नर्मदापुरम और इंदौर में रात का पारा हाई
मध्यप्रदेश के कुछ इलाकों में अभी भी रात और दिन के तापमान में ज्यादा गिरावट नहीं हुई है। इसमें मुख्य रूप से नर्मदपुरम और इंदौर के इलाके हैं। यहां रात का परा अब भी कई इलाकों में 12 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चल रहा है। यहां सामान्य से ज्यादा तापमान चल रहा है।
रात को 10 और दिन में 30 के करीब रहेंगे तापमान
वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के जाते ही मालवा-निमाड़ में तापमान में मामूली बढ़ोतरी हुई है, लेकिन भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर समेत अधिकांश इलाकों में दिन और रात का तापमान लुढ़का है। 28 नवंबर तक इसी तरह मौसम की स्थिति बनी रहेगी। इसके कारण अगले दो-तीन दिन इसी तरह ठंड बनी रहेगी।
सामान्य से 5 डिग्री तापमान कम होने पर शीतलहर चलती है
रिटायर्ड मौसम वैज्ञानिक डीपी दुबे ने बताया कि शीतलहर (कोल्ड वेव) न्यूनतम तापमान कम से कम 10 डिग्री सेल्सियस होना जरूरी है। इसके साथ ही तापमान सामान्य से 5 डिग्री तक नीचे होना चाहिए। यानी मान लो भोपाल में रात का पारा आज सामान्य 14 डिग्री होना चाहिए और वह 9 डिग्री सेल्सियस पहुंच जाता है, तो शीतलहर चलती है। अति शीतलहर में सामान्य से 7 डिग्री सेल्सियस गिरना चाहिए। इसी तरह, शीतलहर (कोल्ड डे) इसमें अधिकतम तापमान सामान्य से 5 डिग्री कम होना चाहिए। अधिकतम तापमान कम से कम 15 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए।
भोपाल
रात का पारा 10 डिग्री से कम रहेगा, ग्वालियर-जबलपुर में ठंड का सितम, भोपाल-इंदौर में राहत
- 26 Nov 2022