इंदौर। समीपस्थ महू के शासकीय मध्यभारत अस्पताल में चल रही मनमानी और लापरवाही के कारण गर्भ में ही बच्चे की मोैत होने का आरोप स्वजन ने चिकित्सकों व नर्सों पर लगाया है। शुक्रवार की शाम को इंदौर में मृत बच्चे को आपरेशन करके निकाला गया। तहसील के सबसे बड़े मध्यभारत अस्पताल में शासन नई व आधुनिक सुविधाओं के साथ चिकित्सकों की नियुक्ति कर रहा है ताकि आम नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिल सकें लेकिन यहां तो लापरवाही और मनमानी का आलम चल रहा है।
जानकारी के अनुसार 24 मार्च की रात को डोंगरगांव निवासी शिवानी पति शिवा को प्रसूति के लिए भर्ती किया गया। जांच के बाद नर्सों ने कहा कि सबकुछ ठीक है। शिवानी रातभर दर्द से कराहती रही लेकिन नर्सों ने न तो ध्यान दिया और न ही महिला चिकित्सक आई। सुबह जब जांच करवाई तो बताया गया कि बच्चे की धड़कन नहीं चल रही है। शायद बच्चे की गर्भ में ही मौत हो गई। इन्हें तत्काल इंदौर ले जाओ। साथ में कोई पुरुष नहीं होने से स्वजन ने यही महिला का इलाज करने की गुहार लगाई लेकिन कोई मदद नहीं मिली। कुछ देर बाद स्वजन महिला को इंदौर ले गए और शाम को मृत बच्चे को गर्भ से निकाला जा सका। अगर देर हो जाती तो महिला की जान भी जा सकती थी।
तीन महिला चिकित्सकों के होने के बावजूद ऐसी स्थिति आए दिन निर्मित होती रहती है। आपात स्थिति के लिए चिकित्सकों को शासकीय क्वार्टर भी दे रखे हैं लेकिन वे समय पर तथा सूचना देने के बावजूद अस्पताल में नहीं आते हैं इस मामले में प्रसूति रोग चिकित्सक डा. निकुंजा सुले ने कहा-आरोप पूरी तरह गलत है। जब मैंने जांच की थी तब महिला व बच्चा स्वस्थ था लेकिन सुबह अचानक महिला का स्वास्थ्य खराब हो गया। जांच में पाया कि बच्चे का सिर आने के बजाय नाल आ गई। जो काफी खतरनाक स्थिति होती है। इस दौरान मैं भी मौजूद थी। अस्पताल में 24 घंटे सुविधा वाला आपरेशन थियेटर नहीं है। इसलिए महिला को इंदौर ले जाने के लिए कहा लेकिन उन्होंने हमारी बात नहीं मानी। लापरवाही के आरोप बिलकुल गलत है।
इंदौर
रात भर भर्ती रखा गर्भ में बच्चे को मारने का आरोप, इंदौर में मृत बच्चे को ऑपरेशन कर निकाला
- 26 Mar 2022