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चिंतन और संवाद

मोरारी बापू : इस कलि में और कोई साधन नहीं ...जोग ..जज्ञ.. जप.. तप.. सब है.... लेकिन हम जैसों के लिए कलियुग में 3 साधन ....

  • 05 Dec 2020

इस कलि में और कोई साधन नहीं ...जोग ..जज्ञ.. जप.. तप.. सब है.... लेकिन हम जैसों के लिए कलियुग में 3 साधन ....
राम को स्मरो ...
 राम को गाओ ....
 और राम को सुनो.....

 जिसको संतों के आशीर्वाद से ...गुरू की कृपा से जो 3  सूत्र हैं... सत्य... प्रेम और करुणा ....इस पंक्ति के आधारित हैं... 

राम का सुमिरन सत्य है.... लोग आज भी कहते हैं राम नाम सत्य है ....

राम को गाना ये प्रेम है ....

राम की कथा सुनना किसी की करुणा....
 करुणा के बिना कथा नहीं मिलती साहब... ये तो किसीकी करुणा... तब हम सुन पाते हैं ....वक्ता गा पाता है ....

तो कलियुग का ये सार है ...सत्य.. प्रेम ...करुणा ...

।। रामकथा ।।
मानस प्रेमसूत्र - 3