गाजियाबाद। स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने सॉल्वर गैंग के छह शातिर सदस्यों को गिरफ्तार कर रेलवे की ग्रुप डी परीक्षा में बड़ी सेंधमारी का पर्दाफाश किया है। यह गिरोह पांच से दस लाख रुपये में परीक्षार्थियों को प्रश्न पत्र की उत्तरमाला (आंसर की) मुहैया कराने से लेकर नकल कराने तक का ठेका लेता है। ऑनलाइन परीक्षा करा रही कंपनी टीसीएस का अधिकारी भी गिरोह में शामिल है। एसटीएफ ने इन शातिरों को जाल बिछाकर परीक्षा केंद्र बनाए गए मुरादनगर स्थित आरडी इंजीनियरिंग और बीबीडीआईटी कॉलेज से गिरफ्तार किया है।
एसटीएफ फील्ड यूनिट मेरठ के अपर पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि मंगलवार को सॉल्वर गैंग के बागपत के छपरौली कुर्डी निवासी आशीष कुमार, मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना निवासी प्रदीप पंवार, गाजियाबाद के मोदीनगर निवासी सचिन मलिक, मुरादनगर के विपिन, रूपक उर्फ रेवती शरण और नेत्रपाल को गिरफ्तार किया है। इनके पास से छह मोबाइल फोन बरामद किए हैं। नेत्रपाल टीसीएस में एक्जक्यूटिव है। वह परीक्षा केंद्र बनाए गए बीबीडीआईटी कॉलेज में ड्यूटी दे रहा था।
सचिन आरडी इंजीनियरिंग कॉलेज में लैब टेक्नीशियन का काम करता है। वह कक्ष निरीक्षक की ड्यूटी दे रहा था। सभी आरोपी आईटी कंपनियों में काम कर चुके हैं। गिरोह ने 24 अगस्त को भी हुई परीक्षा की तृतीय पाली में एक अभ्यर्थी को नकल कराई थी। मंगलवार की परीक्षा में नकल कराने का भी ठेका ले रखा था लेकिन करा नहीं पाए। इनके मोबाइल की कॉल डिटेल से और भी कई खुलासे हो सकते हैं। पांच से दस लाख का कुल ठेका लेते थे। इनमें तीन लाख उत्तरमाला तैयार कराकर परीक्षा केंद्र तक भिजवाने होते थे। ड्यूटी दे रहा कर्मचारी उत्तरमाला अभ्यर्थी को मुहैया कराने के 50 हजार लेता था।
साभार अमर उजाला
उत्तर-प्रदेश
रेलवे भर्ती परीक्षा में बड़ी सेंधमारी का पर्दाफाश, सॉल्वर गैंग के छह सदस्य गिरफ्तार, तीन फरार
- 08 Sep 2022