कोटा। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की एक अदालत ने शुक्रवार को एक सेवानिवृत्त सरकारी डॉक्टर और उसके पीए को कोटा सेंट्रल जेल से एक हत्या के आरोपी कैदी को स्थानांतरित करने की सिफारिश करने के लिए रिश्वत लेने के आरोप में तीन साल जेल की सजा सुनाई। 12 साल पहले 2009 से यह मामला चल रहा है। चूंकि जेल की अवधि चार साल से कम है, इसलिए दोषियों को एक महीने के भीतर ऊपरी अदालत में फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए जमानत पर मौका दिया गया था। एसीबी अदालत ने जून में कोटा सेंट्रल जेल में ड्यूटी पर डॉक्टर अजय सक्सेना (62) और उनके निजी सहायक जुगराज (36) को एक महिला की कलाई घड़ी और एक जर्किन को उनके क्लिनिक में रिश्वत के रूप में लेने के आरोप में तीन साल जेल की सजा सुनाई थी।
सहायक निदेशक अभियोजन 2009 (एडीपी), एसीबी कोर्ट अशोक जोशी ने कहा कि अदालत ने प्रत्येक पर 1-1 लाख रुपये का जुमार्ना भी लगाया। इस मामले में कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए लिखा, बंदियों की सार संभाल की जिम्मेदारी जेल प्रशासन की होती है। लेकिन जेल अधिकारी-कर्मचारी द्वारा अपने विधिक एवं नैतिक कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाही बरतकर विधि पूर्ण रूप से निर्वहन नहीं किया जा रहा, जो वर्तमान समय में गंभीर चिंतन का विषय है।
साभार- अमर उजाला
कोटा
रिश्वत में ली थी घड़ी और जर्किन, सरकारी डॉक्टर और पीए को तीन साल की सजा
- 07 Aug 2021