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इंदौर

रूह कंपा देने वाली घटनाएं, तबाह हो गए परिवार ... !

  • 24 Aug 2022

भागीरथपुरा की घटना में परिजन के आने के बाद होगा मृतकों का अंतिम संस्कार
इंदौर। बाणगंगा थाना क्षेत्र के भागीरथपुरा इलाके की मल्टी के एक फ्लैट में मंगलवार को रूह कंपा देने वाली घटना हुई, जिसमें पुलिस की शुरूआती जांच में यह बात सामने आई कि पति अमित यादव ने पहले पत्नी टीना और दो मासूम बच्चों को जहर देकर मारा और फिर खुद भी फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। पुलिस ने शवों का पोस्टमार्टम कराया है और अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है। उधर, अमित के परिजनों के आने के बाद अंतिम संस्कार किया जाएगा।
शहर में इस इस तरह की रूह कंपा देने और दिल दहला देने वाली घटनाएं पहले भी शहर में सामने आ चुकी है, जिनमें परिवार तबाह हो गए। थोड़ी ही देर में जनम-जनम का साथ निभाने वाले दंपति और उनके मासूम बच्चों की मौत से जुड़ी कुछ घटनाओ ंपर एक नजर
इंजीनियर ने की थी पत्नी व जुड़वां बच्चों के साथ की खुदकुशी
वर्ष 2019 में खुडैल स्थित क्रिसेंट वाटर पार्क के एक रूम में सॉफ्टवेयर इंजीनियर, उनकी पत्नी और दो जुड़वा बच्चों के शव मिलने से सनसनी फैल गई थी। मूलरूप से दिल्ली के रहने वाले इंजीनियर अपोलो डीबी सिटी में रह रहे थे, उन्होंने पत्नी एवं दो जुड़वां बच्चों के लिए वाटर पार्क में ऑनलाइन रूम बुक करवाया। वहां पहुंचकर पूरे परिवार ने सोडियम नाइट्रेट को घोला और चारों सदस्यों ने पीकर जान दे दी। सॉफ्टवेयर इंजीनियर अभिषेक सक्सेना (45) ने खुडैल के क्रिसेंट वाटर पार्क में पत्नी प्रीति सक्सेना (42), जुड़वां बच्चें अद्वित (14) और अन्यया (14) के साथ चेक इन किया था। वाटर पार्क में रिसॉर्ट है और जहां मेहमान किराए पर रूम लेकर लेकर रुकते हैं। इसी प्रकार इंजीनियर की फैमिली भी यहां आई थीं, लेकिन जब 26 सितंबर, को उनके रुम का दरवाजा नहीं खुला और ना ही परिवार का कोई सदस्य रूम से बाहर आया, तो रिसॉर्ट प्रबंधन को कुछ शक हुआ। वे रूम के पास पहुंचे, दरवाजा अंदर से बंद था। उनके काफी प्रयास के बाद जब अंदर से बंद दरवाजा नहीं खुला, तो उन्होंने मास्टर चाबी का इस्तेमाल कर दरवाजे को खोला। दरवाजा खोलते ही उनके होश उड़ गए, क्?योंकि कमरे में परिवार के चारों सदस्यों के शव पड़े हुए थे और शव नीले पड़ चुके थे। मामले की जांच में खुलासा हुआ था ऑनलाइन जहर मंगाकर चारों ने लिया था।
बखतगढ़ टावर में पांच मौतें  
करीब 9 साल पहले 2 सितंबर 2013 को बखतगढ़ टावर के फ्लैट नंबर 302 में रूह कंपा देने वाली घटना हुई थी। शहर स्तब्ध था। यहां रहने वाले डॉ. रोहित द्विवेदी किचन के अंदर फांसी के फंदे पर मिले थे। पत्नी डॉ. प्रियंका, छह माह की बेटी सूही, ससुर पीसी पांडे व सास सावित्री की लाश भी फ्लैट के अंदर कमरे में पड़ी हुई थी। प्रियंका और उसके माता-पिता की रक्तरंजित लाशें थीं। उनके शरीर पर 18 वार किए गए थे। सभी घाव करीब 12 सेमी गहरे थे। तुकोगंज पुलिस ने छानबीन की। जांच में पता चला कि प्रियंका एमजीएम मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर थीं। डॉ. रोहित व प्रियंका के बीच अहम को लेकर विवाद होता रहता था। दोनों के रिश्ते में खटास थी। एक-दूसरे से उनका विवाद होता रहता था। उसी विवाद को सुलझाने के लिए घटना वाले दिन सास व ससुर पटना शहर आए थे। आशंका है कि वह रोहित को समझा रहे होंगे तभी उनके बीच बहस बढ़ गई। गुस्से में आकर रोहित ने हत्याकांड को अंजाम दिया। रोहित ने पत्नी व सास, ससुर पर कुल्हाड़ीनुमा हथियार से वार किए थे। उसके बाद खुद फंदे पर झूल गए। सूही की मौत कैसे हुई यह एक रहस्य बना हुआ था। तफ्तीश में 12 पेज का सुसाइड नोट पुलिस के हाथ लगा जो रोहित द्वारा लिखा गया था। उसमें जिक्र किया था कि प्रियंका ने सूही को मारा है। हालांकि, काफी पड़ताल के बाद ऐसा कोई तथ्य हाथ नहीं लगा कि सूही को उसकी प्रियंका ने ही मारा है। इस केस को बंद कर दिया गया।
मां ने मौत से पहले बेटे को आइसक्रीम देकर मारा
25 अक्टूबर 2010 को खजराना इलाके में रहने वाली डॉ. संध्या पति योगेंद्र देशपांडे के घर उनकी व बेटे ओजस (12) का शव मिला था। डॉ. संध्या ने आइसक्रीम में बेटे ओजस को जहर देकर मारा फिर खुद ने जहर खा लिया। आखिरकार एक मां इतना बड़ा कदम कैसे उठा सकती है यह शहरवासियों के लिए प्रश्न बना हुआ था। पुलिस विभाग के आला अधिकारियों ने हर बिंदु पर छानबीन की। शक की सुई पति योगेंद्र पर भी घूमी। आशंका थी कि योगेंद्र की प्रताडऩा से संध्या दु:खी होंगी। उनके बाद बेटे का क्या होगा यह चिंता उन्हें थी। उसी कारण उन्होंने बेटे को मारकर खुद मौत को गले लगा लिया। हालांकि प्रताडऩा से जुडे कोई तथ्य पुलिस के हाथ नहीं लगे। योगेंद्र को क्लीनचिट मिल गई। इस केस की फाइल भी बंद हो गई।
65 साल की पत्नी का गला घोंटा, बाद में खुद ने भी कर ली आत्महत्या
मई 2022 में हत्या और आत्महत्या की सनसनीखेज घटना हुई। 70 साल के बुजुर्ग ने अपनी 65 साल की पत्नी की गला घोंटकर हत्या कर दी। इसके बाद खुद ने फांसी लगा ली। दोनों में अक्सर विवाद होते थे। मृतक दंपति के चार बेटे व एक बेटी है।  घटना लसूडिय़ा थाना क्षेत्र की है। मृतकों के नाम धनसिंह (70) व जमनाबाई (65) निवासी स्कीम नंबर 78 है। पुलिस के मुताबिक परिवार में बुजुर्ग दंपति के चार बेटे दीपक, संतोष, राजकुमार और मनोज हैं। एक बेटी है, जिसकी मालवीय नगर में शादी हो चुकी है। चारों बेटे फर्नीचर का काम करते हैं। धनसिंह का विजय नगर क्षेत्र में कारपेंटर का काम था। चार बेटे होने के बावजूद वह अपना तनाव किसी से बांट नहीं पा रहे थे। वह खुद काम करके अपना घर चलाते थे। यह बात भी पता चली है कि कुछ दिन पहले पत्नी ने पति के खिलाफ थाने में शिकाय की थी। बताया था कि पति  मारपीट करता है। घर में नहीं रखता। इसके चलते वह अपने मंझले बेटे दीपक के साथ रहने लगी थी। मामले में पुलिस ने थाने बुलाकर समझाइश देने की बात कही थी। बड़े बेटे दीपक ने पिता धनसिंह को अपने साथ रख लिया था। धनसिंह ने बेटे मनोज को कॉल कर सभी की लोकेशन ली और दीपक के यहां पहुंच गया और पत्नी जमना बाई की हत्या कर दी। बाद में खुद ने फांसी लगा ली।
पति ने पत्नी के शव को फांसी के फंदे से उतारा फिर उसी से लटकर दे दी जान
शहर संविद नगर में कुछ दिन पहले ही मामूली कलह में दंपती ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पलासिया पुलिस के मुताबिक 33 वर्षीय दीपक गड़वाल कार खरीदने-बेचने का काम करता था।उसने करीब दस साल पूर्व रीना एकता नगर शांतिनगर(मूसाखेड़ी) से शादी की थी। रीना की गुड्डा नामक युवक से पहली शादी हुई थी और उससे दो बेटी प्रीति और शालिनी हैं, जो रीना के साथ रहती थी। मामले में पुलिस और एफएसएल एक्सपर्ट डा.बीएल मंडलोई घटना का नाट्यरुपांतरण किया तो पता चला पहले रीना ने फांसी लगाई थी। उसने दीपक को काल कर सूचना भी दी दी थी। हालांकि उसके पहुंचने तक रीना की मृत्यु हो गई। उसने रीना को फांसी से उतारा और खुद ने फांसी लगा ली। बेटियों ने बताया 1 अगस्त को देर रात घर आने पर माता-पिता में झगड़ा हुआ था। पापा छह दिन से खाना नहीं खा रहे थे। संभवत: इसी कारण दोनों ने फांसी लगाई है।
पत्नी का मोबाइल चार्जर की केबल से गला घोंटा, फिर खुद लगाई फांसी
मार्च 2022 में रंगपंचमी के दिन जहां एक ओर रंगपंचमी की धूम मची थी, वहीं दूसरी ओर द्वारकापुरी इलाके में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया. यहां एक ठेकेदार ने मोबाइल चार्जर की केबल से पहले तो अपनी पत्नी का गला घोंटकर हत्या कर दी और फिर खुद फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस के मुताबिक, रंगपंचमी के दिन बच्चों के घर से बाहर निकलते ही ठेकेदार ने ये कदम उठाया। पति को पत्नी के चरित्र पर शंका थी, इस वजह से दोनों के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था. वहीं पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें लिखा है, ''पत्नी की हत्या कर आत्महत्या कर रहा हूं। '' दरअसल, रंजीत एक कंट्रक्शन ठेकेदार थे. रंजीत ने अपनी ही पत्नी संतोषी बाई की चार्जर की केबल से गला घोंटकर हत्या की और फिर खुद ने फांसी लगाकर जान दे दी. घटना के वक्त दोनों ही मृतकों के मासूम बच्चे सौरभ (14) और बेटी निधि (10) रंगपंचमी पर घर के बाहर होली खेल रहे थे. बच्चों ने अंदर आकर देखा तो आसपास के लोगों को सूचना दी। इसके बाद घटना का खुलासा हुआ।