इंदौर। जिले में रविवार को भी बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन शुरू हुआ। इसके तहत 400 से ज्यादा सेंटर बनाए गए। खास बात यह कि सबसे ज्यादा फोकस उन 40 हजार लोगों पर है जिन्हें अभी तक पहला डोज नहीं लगा है। रविवार को इसके लिए 75 से ज्यादा मोबाइल वेन की टीमें सक्रिय रही। इन टीमों ने दूरस्थ गांवों में घूम-घूमकर ऐसे लोगों को ढूंढ़ा और उन्हें वैक्सीन लगाई। शहरी क्षेत्रों में भी वैक्सीन के दोनों डोज लगे। खास बात कि 1 सितंबर से छठवीं से 12वीं तक स्कूल 50 फीसदी क्षमता के साथ शुरू होंगे। इसके मद्देनजर शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूल स्टाफ की फिर से स्थिति जानी गई तो सुखद पहलू यह रहा कि दोनों ही क्षेत्रों में सरकारी व प्राइवेट स्कूलों के स्टाफ का पहला डोज शत-प्रतिशत हो चुका है। वैसे शाम 6 बजे तक कुल 36 हजार से ज्यादा डोज लग चुके थे।
वैक्सीनेशन के लिए सभी 400 सेंटर सुबह 8 बजे पूरी तैयारी के साथ शुरू हो चुके थे। ऐसे ही 75 मोबाइल वेन टीमों को भी पूरी किट के साथ अलग-अलग क्षेत्रों में भेजा गया। इन टीमों की मॉनिटरिंग एसडीएम व तहसीलदारों द्वारा की जा रही है। वैसे अधिकांश टीमों ने उन बुजुर्गों व ऐसे लोग जिन्होंने पहला डोज नहीं लगाया है, उनके गांवों की जानकारी निकाल ली थी। ये टीमें इंदौर, देपालपुर, हातोद, बेटमा, महू, मानपुर, सांवेर सहित आसपास के कई गांवों में पहुंची। इस बार इन टीमों में सीएचओ, नर्सों के अलावा आशा कार्यकर्ता भी थी। आशा कार्यकतार्ओं ने कई घरों में दस्तक दी तो पता चला कि परिवार की कुछ महिलाओं ने वैक्सीन ही नहीं लगाई है। इसके पीछे कारण उनकी निरक्षरता, लापरवाही आदि रहे। इनके आधार कार्ड के आधार पर रजिस्ट्रेशन कर मौके पर ही वैक्सीन लगाई गई। फिर इन लोगों के जरिए ही ऐसे लोगों की जानकारी लगी जिन्होंने पहला डोज नहीं लगाया था। वे महिलाएं भी आसपास के क्षेत्रों की निकली और उन्हें भी वैक्सीन लगाई गई। उधर, नगर पंचायत, जनपद पंचायत, वोटर लिस्ट आदि के माध्यमों भी कुछ बुजुर्गों को खोजा और उन्हें वैक्सीन लगाई गई। अनुमान है कि जो 40 हजार लोग पहले डोज के बचे हैं उनमें से 10 हजार से ज्यादा को रविवार कोस वैक्सीन लग चुकी है। इसकी स्थिति देर शाम तक ही स्पष्ट होगी।
पेरेंट्स की चिंता जायज
दूसरी ओर अब स्कूल शुरू होने में अब सिर्फ दो दिन बाकी हैं। पेरेंट्स की सहमति के बाद बच्चों को स्कूल भेजा जाएगा जबकि स्कूल प्रबंधन भी अब 16 महीने बाद सत्र शुरू होने के लिए तैयार है। पेरेंट्स की सबसे बड़ी चिंता बच्चों की सुरक्षा को लेकर है क्योंकि 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों का शहरी क्षेत्र में पहले डोज का 100 फीसदी वैक्सीन हो चुका है। 6 हजार से ज्यादा गर्भवती महिलाओं को भी वैक्सीन लग चुकी है। ऐसे में बच्चों को लेकर अब ज्यादा एहतियात बरती जानी है। पेरेंट्स इसे लेकर भी चिंतित है कि स्कूल में 50 फीसदी क्षमता व स्कूल स्टाफ के वैक्सीनेशन का पालन होगा या नहीं।
सारे स्कूल सख्ती से करेंगे पालन
मामले में टीकाकरण अधिकारी डॉ. तरुण गुप्ता ने स्पष्ट किया कि पिछले दिनों 15 से ज्यादा सेशन स्कूल, कॉलेज, कोचिंग, शिक्षा विभाग आदि के लिए आयोजित किए गए थे। इनमें शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के सरकारी व प्राइवेट स्कूलों के स्टाफ का 100 फीसदी पहला डोज पूरा किया जा चुका है। इसके अलावा देवी अहिल्या विवि, होल्कर कॉलेज, हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट सहित कई शैक्षिणक संस्थाओं में स्पेशल कैम्प आयोजित किए गए थे। अभी जो 40 हजार लोग पहले डोज के बचे हैं उसमें कोई भी निजी या सरकारी स्कूल का एक भी स्टाफ नहीं है। इधर, इंदौर प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अरुण खेरात ने बताया कि एसोसिएशन लगभग सभी स्कूलों के संपर्क में है और स्टाफ का 100 फीसदी पहला डोज हो चुका है। इंदौर पेरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अनुरोध जैन का कहना है कि सरकार पहले तय करें कि बच्चों की शिक्षा जरूरी है या सुरक्षा। अगर स्कूल शुरू हो रहे हैं तो पूरे स्टाफ का 100 फीसदी वैक्सीनेशन, 50 फीसदी क्षमता सहित पूरे प्रोटोकॉल का पालन करना होगा।
इंदौर
रविवार को भी बड़े पैमाने पर हुआ वैक्सीनेशन
- 30 Aug 2021