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इंदौर

लाखों की ठगी में पकड़ाए ... जालसाज के किए चौंकाने वाले खुलासे

  • 05 Mar 2022

रिमांड पर लेकर आरोपी से की जा रही पूछताछ
इंदौर। साइबर सेल पुलिस ने गुरुवार को ऑनलाइन ठगी के एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने इंदौर की महिला प्रोफेसर वंदना मिश्रा से करीब 33 लाख की ठगी की थी। उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है। आरोपी हरीश दास ने बताया कि पूरे जामताड़ा के आसपास कई गिरोह सक्रिय हैं, जो देशभर में ठगी करते हैं।  
आरोपी हरीश ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि वह रोजाना 50 से अधिक लोगों को ठगने के लिए ङउ अपडेट के नाम पर मैसेज करता था। इनमें से जो भी फंस जाता था उसको ठगने में लग जाते थे। हरीश ने बताया कि उसने यह काम गांव के एक दिव्यांग शख्स शिबा से सीखा था। आरोपी ये फोन अपनी पत्नियों से ही कराते हैं, जो कि फरार्टेदार अंग्रेजी बोलती हैं। हरीश ने बताया कि गांव के युवा कम पढ़े-लिखे होते हैं, लेकिन शादी ऐसी लड़की से करते हैं, जो अच्छी अंग्रेजी बोलती हो। ताकि उनका इस्तेमाल लोगों को ठगने में किया जा सके।
आरोपी ने पुलिस को बताया कि इस गिरोह का सरगना दिव्यांग शिबा है, जो अब भी पुलिस गिरफ्त से दूर है। दिव्यांग आरोपी ने ही पूरे गांव के युवाओं को इस गोरखधंधे में लगाया है। इसके गिरोह में दो दर्जन से अधिक लोग हैं। इनमें से ज्यादातर युवाओं की पत्नियां अंग्रेजी बोलना जानती हैं। लोगों को फंसाने के लिए वे अपनी पत्नियों का उपयोग करते हैं। वे तीन साल से यह काम कर रहे हैं, और दर्जनों लोगों को अपना शिकार बना चुके हैं।
ठगी के आरोपी मोबाइल सिम असम तथा पश्चिम बंगाल के लोगों से खरीदते हैं। बदले में उनको 8 से 10 हजार रुपए दे देते हैं और चंपत हो जाते हैं। इन सिम से ही ये रोजाना लोगों को ङउ अपडेट करने के लिए मैसेज करते हैं। उनके पास ऐसी दर्जनों सिम हैं।
गांव छोड़कर भागे
साइबर सेल की रशीदा खान और रामप्रकाश वाजपेयी की टीम ने जब दबिश देकर झारंखड से हरीश दास को पकड़ा, तो गिरोह के दो दर्जन से अधिक बदमाश गांव से फरार हो गए। पुलिस ने हरीश को प्रोफेसर वंदना मिश्रा के साथ ठगी के आरोप में गिरफ्तार किया है।