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लाखों साल पुरानी झील के आसमान पर साल के 300 दिन कड़कती है बिजली! बनी वैज्ञानिकों के लिए रहस्य

  • 07 Jun 2023

दक्षिणी अमेरिकी देश वेनेजुएला की मैराकाइबो झील के बारे में यूरोपियन स्पेस एजेंसी ने माना कि ये दुनिया की सबसे पुरानी झीलों में से है, जो शायद 35 मिलियन साल पहने बनी हो. आम झीलों से काफी बड़ी ये झील साढ़े 13 हजार वर्ग किलोमीटर में फैली हुई है. वैज्ञानिक मानते हैं लाखों वर्षों में इसका पानी और तली कई बार बदलावों से गुजरी होगी. क्या इसी दौरान तलहटी में कुछ ऐसा जमा हुआ है, जिसने इस जगह को दुनिया की सबसे ज्यादा बिजली चमकने वाला स्थान बना दिया. इसका जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं है. 
अमेरिकन मेटेरोलॉजिकल सोसायटी ने नवंबर 2016 में एक स्टडी में पाया कि मैराकाइबो झील में सालभर में लगभग 297 दिनों तक लगातार हर मिनट करीब 25 से 40 बार बिजली चमकती है. ये रोशनी इतनी ज्यादा होती है कि लोकल लोग रात में पढ़ाई-लिखाई जैसे काम भी कर पाते हैं.
इससे पहले अफ्रीका के कांगो बेसिन के पास ये दर्जा था.  दुनिया की कई पहाड़ी और पानी वाली जगहों के बारे में देशों ने अपने-अपने दावे किए, लेकिन आखिरकार माना गया कि बिजली चमकने के मामले में वेनेजुएला की इस झील के आसपास भी कोई नहीं. 
सबसे पहले 16वीं सदी में स्पेनिश सैलानी अमेरिको वेस्पकी ने इस जगह की खोज की. हालांकि स्थानीय लोग तब भी इस जगह से परिचित थे, लेकिन खौफ की वजह से कोई भी आसपास रहने से डरता था. लोकल लोग मानते थे कि ये कुदरती नहीं, बल्कि इसमें भूत-प्रेत जैसी किसी चीज का हाथ है. लगभग 3 सौ सालों बाद यहां आबादी बसने लगी. दूर नहीं, बल्कि झील के बिल्कुल किनारे-किनारे. जो लोग पहले झील को रहस्यमयी मानते और डरते थे, अब वही उनके लिए रोजगार लेकर आई. 
अजीबोगरीब देखने के शौकीन पर्यटक यहां पर बिजली चमकना देखने आते हैं. इसे लाइटनिंग टूरिज्म कहा जाता है. पर्यटक सितंबर से नवंबर के दौरान आते हैं, जब बिजली पूरे दिन, पूरी रात चमकती है. वे झील के किनारे बने छोटे-छोटे घरों में रहते और इस अनुभव को जीते हैं. कई बार ये आकाशीय बिजली गिरती भी है. ऐसे में टूरिस्ट्स को खास सावधानी बरतनी होती है. हालांकि अक्सर लोकल मछुआरे इसकी चपेट में आ जान गंवा बैठते हैं.
इसके पीछे कई थ्योरीज हैं. कुछ साइंटिस्ट मानते हैं कि सालभर बिजली का चमकना असल में नमी, तापमान और स्थान की वजह से है. झील के दक्षिण की तरफ एंडीज पर्वत है, जबकि उत्तर में कैरेबियन सागर है. पहाड़ों से चलने वाली ठंडी हवा समुद्र की तरफ से आती गर्म और नम हवा से टकराती है. ये बिजली बनने के लिए आदर्श स्थिति है.
बहुत से वैज्ञानिक इस थ्योरी को नकारते हैं. उनका कहना है कि लाखों सालों के दौरान झील में कई सारे बदलाव हुए, जिससे उसके तल में मीथेन गैस जमा हो गई. जब ये गैस ऊपर की ओर उठकर वातावरण की गैस से मिलती है, तब ऐसा होता है. 
इसके रहस्य को समझने के लिए कई प्रयोग हो रहे हैं. कुछ समय पहले साइंटिफिक मॉडलिंग सेंटर ऑफ यूनिवर्सिटी ऑफ जूलिया ने एक मॉनिटरिंग सिस्टम बनाने की कोशिश की ताकि झील के ऊपर हो रहे आकाशीय बदलाव को समझा जा सके. वर्ल्ड मेटेरोलॉजिकल डिपार्टमेंट भी इसका हिस्सा है, जो सेंसर, बैलून जैसी चीजों के जरिए इसकी लगातार जांच कर रहा है.
साभार आज तक