सर्वे कर पटवारियों ने बनाई रिपोर्ट, कहीं खेती हो रही है तो कहीं हो गए पक्के निर्माण
इंदौर। भूजल स्रोतों को सहेजने के लिए बरसात के पहले शुरू हुए सर्वे की रिपोर्ट अब आने लगी है। कलेक्टर के निर्देश पर पटवारियों द्वारा मौका-मुआयना कर सर्वे किया गया जिसमें शहर के सभी तालाबों पर कब्जा पाया गया। जबकि ग्रामीण क्षेत्र के कुछ तालाबों की जमीन पर खेती हो रही है।
शहर के सभी 27 तालाबों के साथ पूरे जिले के तालाबों का सर्वे करवाया जा रहा है। जिन तालाबों का सर्वे हो चुका है उनमें ग्रामीण क्षेत्र के कुछ तालाबों में जहां किसान खेती करते पाए गए तो कही तालाबों की जमीन पूरी तरह से मुक्त भी है, जबकि शहरी क्षेत्र के सभी तालाबों पर कब्जे हैं। पटवारियों के सर्वे के अनुसार शहरी क्षेत्र में सिरपुर तालाब में पीछे की तरफ कालोनियां, फार्म हाऊस और केचमेंट एरिया में भी कब्जे हैं। इसी तरह बड़ा बिलावली तालाब के केचमेंट एरिया तथा पीछे की तरफ दर्जनों कब्जे हो चुके हैं। इसी तरह छोटा बिलावली में आठ किसानों के कब्जे हैं जिन पर वहां खेती की जा रही है। हांलाकि जानकरी में यह भी आया है कि पिछली सरकार में उन्हें पट्टे दिए जा चुके हैं। बिलावली के दोनों तालाबों की कई हेक्टेयर जमीन अब भी कब्जे में है। हांलाकि शहर से लगे राऊ क्षेत्र में अन्य तालाबों पर इस तरह कब्जे नहीं मिले।
नामांतरण भी हुआ
बिलावली तालाब की सरकारी जमीन का रिकार्ड खंगालने पर शासकीय सर्वे में बटांकन कर उनके नामांतरण किए जा चुके हैं। छोटा बिलावली तालाब में आठ किसानों के कब्जे हैं जिनमें कुछ के नाम पर शासकीय जमीन का बटांकन हो चुका है।
यशवंत सागर में भी कब्जा
जिले के सबसे बड़े और पश्चिमी इंदौर की बड़ी आबादी की प्यास बुझाने वाला यशवंत सागर तालाब भी कब्जों का शिकार है। नगर निगम के रिकार्ड में एक हजार हेक्टेयर अधिक जमीन वाले इस तालाब की करीब 300 बीघा से अधिक जमीन पर कब्जे हैं।
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Exclusive : इंदौर / लिंबोदी, पिपलियापाला और सिरपुर तालाब पर कब्जे www.dgr.co.in

- 23 Dec 2019