इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लिव इन रिलेशन में रह रही पहले से शादीशुदा महिला को संरक्षण देने का आदेश देने से इंकार करते हुए उसकी याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर पांच हजार रुपये हजार्ना भी लगाया है। याचिका की सुनवाई करते हुए जस्टिस केजे ठाकर और जस्टिस दिनेश पाठक की पीठ ने कहा कि क्या हम ऐसे लोगों को संरक्षण देने का आदेश दे सकते हैं जिन्होंने हिंदू विवाह अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत कार्य किया है। कोर्ट ने कहा कि अनुच्छेद 21 सभी नागारिकों को जीवन जीने की स्वतंत्रता की गारंटी देता है। मगर यह स्वतंत्रता कानून के दायरे में हो तभी उन पर लागू होगी।
उत्तर-प्रदेश
लिव इन में रह रही शादीशुदा महिला को संरक्षण देने से हाईकोर्ट ने किया इनकार, लगाया जुर्माना
- 18 Jun 2021