इंदौर। गर्मी की तपिश से लोगों ने कुछ सुकून महसूस किया गजलों की महफिल कागज की कश्ती में। गजलों के सुकून भरे अहसास ने कुछ देर ही सही गमों की भुला तो दिया यहां रश्मि गुरबानी की याद में सजी इस महफिल में शहर के गायक सुनील शर्मा ने गजलें पेश की, बांसुरी वादक सुनील अमूमन किशोर को गाते है, लेकिन यहां उन्होंने बता दिया कि गजलें भी वो पूरी शिद्दत से गा सकते हैं।
शुरुआत आयोजक कैलाश गुरबानी ने पत्नी रश्मि गुरबानी की याद में एक गजल करोगे याद तो हर एक बात याद आएगी से की। इसके बाद बिना एंकर का सहारा लिए सुनील शर्मा ने माइक सम्हाला और गाया ये न समझो कि हम पी गए पीते पीते... थोड़ी सी जिंदगी जी गए पीते पीते...। गजलों के साथ शेरो शायरी ने गज़लों को वजनदार बना दिया। रोजाना शहर में संगीतमय आयोजन होते है पर ये आयोजन कुछ अलहदा था,जिसे श्रोताओं ने खूब पसंद किया। संगतकारों में गिटार पर थे राजेश मित्रा गुड्डु, की- बोर्ड पर दीपेश जैन, तबले पर संजय कपाडिय़ा और ऑक्टोपेड पर थे नवीन पारले इन 4 साजिंदों ने संगीत का मधुर रस घोल दिया, कुल मिलाकर इस महफिल से श्रोताओं ने खुद को जुड़ा पाया और हॉल से गुजरते हुए कई लोग गजलों को गा रहे थे, सभी का कहना था ये शो होते रहना चाहिए, आभार कैलाश गुरबानी ने किया, तय समय पर महफि़ल का सपामन हुआ।
इंदौर
वो कागज की कश्ती ने बचपन की याद का अहसास कराया
- 03 Jun 2024