जयंती पर महू में होगा दिग्गजों का जमावड़ा
भोपाल। एमपी में मिशन 2023 की तैयारी में लगी बीजेपी और कांग्रेस वोटरों को लुभाने का कोई मौका नहीं छोड़ रही हैं. य़ही वजह है कि 14 अप्रैल बाबा साहब अंबेडकर की जयंती पर एससी वोटर्स में पैठ बढ़ाने सीएम शिवराज सिंह चौहान महू में मौजूद रहेंगे. कांग्रेस की ओर से पूर्व सीएम कमलनाथ और दिग्विजय सिंह अंबेडकर स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित करने जाएंगे.
कोरोना की बंदिशें खत्म होते ही दो साल बाद बीजेपी और कांग्रेस को संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की याद आ गई है. अगले साल एमपी में विधानसभा चुनाव हैं. यही वजह कि राज्य के 17 फीसदी वोटरों पर दोनों ही दलों की नजर है. इनमें पैठ बढ़ाने के लिए बाबा साहब अंबेडकर के नाम का सहारा लिया जा रहा है. बीजेपी सरकार 14 अप्रैल अंबेडकर जयंती पर तीन दिवसीय महोत्सव कर रही है. उसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ ही प्रदेश और केंद्र सरकार के मंत्री शामिल होंगे. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भी इस आयोजन का न्यौता भेजा गया है. कार्यक्रम में 5 लाख से ज्यादा अंबेडकर के अनुयायी शामिल होंगे. उनके रहने खाने पीने की व्यवस्था की जा रही है. बीजेपी कार्यकर्ता देश विदेश से आने वाले अनुयायियों का स्वागत करेंगे ताकि उनकी सहानुभूति मिल सके.
बाबा साहब हमारे थे
कांग्रेस भी इस मौके को भुनाने में पीछे नहीं रहना चाहती. यही वजह है कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व सीएम कमलनाथ और दिग्विजय सिंह जैसे दिग्गज नेता 14 अप्रैल को महू पहुंचेंगे और अंबेडकर स्मारक पर श्रद्धासुमन अर्पित करेंगे. हालांकि उससे पहले कांग्रेस ने अंबेडकर को अपनी पार्टी का नेता बताने के लिए प्रचार प्रसार भी शुरू कर दिया है. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता नीलाभ शु्कला का कहना है मध्यप्रदेश में अगले साल विधानसभा के चुनाव है,बीजेपी को लग रहा है कि एससी वोटर उनके हाथ से खिसक रहा है इसलिए अंबेडकर जयंती के बहाने एससी वोटर्स को साधने की कोशिश शुरू हो गई है. ये ठीक वैसा ही है जैसे जब बीजेपी को लगा कि उनका आदिवासी वोट बैंक उनसे दूर जा रहा है तो टंट्या मामा भील याद आ गए. बाबा साहब अंबेडकर हमेशा कांग्रेस के रहे हैं,कांग्रेस ने उन्हें संविधान निर्माण की महात्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी थी और स्वतंत्रता के बाद पंडित जवाहरलाल नेहरू ने उन्हें कानून मंत्री बनाया था.
ये है समीकरण
मध्यप्रदेश में 230 विधानसभा सीटों में 35 सींटें एससी वर्ग के लिए आरक्षित हैं. 2018 के चुनाव में बीजेपी को 7 सीटों का नुकसान हुआ था. उसे 21 सीटें मिलीं थीं. 2013 में उसके पास 28 एससी विधायक थे. इस बार वो 2013 का इतिहास दोहराना चाहती है. कांग्रेस भी इन आरक्षित सीटों पर अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रही है. बीजेपी सरकार को एससी विरोधी बता रही है. कह रही है बीजेपी ने एससी वर्ग के लिए आज तक कुछ नहीं किया. वहीं बीजेपी रविदास जयंती के बाद अंबेडकर जयंती का आयोजन कर एससी हितैषी बनने के प्रयास में लगी हुई है.
भोपाल
वोटरों को लुभाने का कोई मौका छोडऩा नहीं चाहते दोनों दल ... अंबेडकर के बहाने कांग्रेस-बीजेपी में जोरआजमाइश
- 12 Apr 2022