चैत्र शुक्ल प्रतिपदा का ऐतिहासिक महत्व
1. इसी दिन आज से 1,97,38,13,122 वर्ष पूर्व ईश्वर ने सृष्टि की रचना प्रारंभ की थी।(सृष्टि सम्वत्)
2. इसी दिन आज से 1,96,08,53,122 वर्ष पूर्व इस सृष्टि काल के प्रथम युवा मनुष्यों के जोड़ों ने जन्म लिया था।(मानव
संवत्)
3. मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का राज्याभिषेक भी इसी दिन हुआ था।
4. महाराज युधिष्ठिर का राज्याभिषेक 5157 वर्ष पूर्व इसी दिन हुआ था।
5. 2078 वर्ष पूर्व सम्राट विक्रमादित्य ने इसी दिन अपना राज्य स्थापित किया। उसी दिन से प्रसिद्ध विक्रमी संवत् प्रारंभ हुआ।
6. 147 वर्ष पूर्व महर्षि दयानंद सरस्वती जी ने इसी दिन को आर्य समाज की स्थापना दिवस के रूप में चुना। (आर्य समाज
वेद प्रचार का महान कार्य करने वाला एकमात्र संगठन है) ।
7. विक्रमादित्य की भांति शालिवाहन ने हूणों को परास्त कर दक्षिण भारत में श्रेष्ठतम राज्य स्थापित करने हेतु यही दिन चुना।
वैदिक नववर्ष का प्राकृतिक महत्व :-
1. वसंत ऋतु का आरंभ वर्ष प्रतिपदा से ही होता है जो उल्लास, उमंग, खुशी तथा चारों तरफ पुष्पों की सुगंधि से भरी
होती है।
2. फसल पकने का प्रारंभ यानि किसान की मेहनत का फल मिलने का भी यही समय होता है।
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाए
बाबा पंडित
वैदिक नववर्ष, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा विक्रमी संवत् 2079 (2 अप्रैल, 2022)
- 02 Apr 2022