सीपी शेखर नगर उद्यान से शुरू हुई वाक राजवाड़ा पर समाप्त हुई
इंदौर। विश्व मजदूर दिवस के मौके पर रविवार को स्मार्ट सिटी कंपनी द्वारा आयोजित हेरिटेज वाक में विद्यार्थियों ने इंदौर के विकास में मजदूरों के योगदान के बारे में जाना। हेरिटेज वाक रविवार सुबह 7 बजे सीपी शेखर नगर उद्यान से शुरू हुई और राजवाड़ा पर खत्म हुई। हेरिटेज वाक में इतिहासकार जफर अंसारी ने विद्यार्थियों को इंदौर शहर के व्यापारिक महत्व व इसमें मजदूरों के सहयोग के बारे में बताया।
इतिहासकार अंसारी ने विद्यार्थियों को बताया कि कई दशकों पहले होलकर काल में मजदूरों के कारण इंदौर का नाम विश्व पटल पर छाया था। इंदौर में सात कपड़ा मिलें हुआ करती थीं, जिनमें 21 हजार से ज्यादा मजदूर काम करते थे। होलकर काल में इंदौर में कपड़ा मिलों का उत्पादन चरम पर था। शहर में सबसे पहली मिल गांधी हाल के पीछे बनी थी। यह जूनी मिल के नाम से पहचानी जाती थी। जफर अंसारी ने बताया कि मिलों के कारण इंदौर की उन्नति कई दशकों तक होती रही। इंदौर में पहली मिल 19वीं शताब्दी के मध्य शुरू हुई थी। इंदौर में मिलों के अलावा अन्य कई कारखाने भी हुआ करते थे, जिनमें भारी तादाद में टाइल्स, आयरन व खिलौने तैयार होते थे।
मजदूरों के लिए बनाई थी बस्तियां
होलकर रियासत के दौरान मजदूरों के लिए शहर में पक्के घरों का निर्माण किया गया था। आजादी के बाद भी शहर में नंदा नगर व नेहरू नगर में सुनियोजित बस्तियां बसाई गईं और मजदूरों को उचित दरों पर मकान उपलब्ध करवाए गए। इंदौर में मजदूरों के लिए जन कल्याणकारी योजनाओं के लिए श्रम शिविर की स्थापना की गई। इंदौर में कम्युनिष्ट पार्टी के नेता होमी दाजी लंबे समय तक मजदूरों के हित के लिए लड़ते रहे। उस दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू भी होमी दाजी से मजदूरों के लिए बनाई जाने वाली विकास योजनाओं पर चर्चा करते थे। इंदौर में कपड़े के पहले अफीम का कारोबार हुआ करता था।
इंदौर
विद्यार्थियों ने जाना इंदौर के व्यापारिक विकास में मजदूरों का योगदान
- 02 May 2022