भिंड। सब्जी में हींग का तड़का लगाना अब आम आदमी के बूते के बाहर हो चुका है। हींग के भाव 15 हजार रुपए किलो से बढ़कर 20 हजार रुपए जा पहुंच गया है। वह भी महज कुछ दिनों में। अफगानिस्तान में तालिबानी संकट का राजनीतिक और कूटनीतिक असर तो बाद में सामने आएगा, पर आमजन की जेब पर संकट जरूर आ चुका है। तालिबान के भारत से सामान के आयात-निर्यात पर रोक लगाने का असर यह हुआ कि ड्रायफ्रूट्स के भाव आसमान छूने लगे हैं। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोट्र्स ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार भारत अब तक 85 प्रतिशत ड्राई फ्रूट्स अफगानिस्तान से ही आयात करता आया है। अफगानिस्तान से एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट नहीं खुला तो ड्रायफ्रूट्स की कीमतें आने वाले दिनों में और ज्यादा बढ़ सकती हैं। भिंड शहर में किराने की 150 के करीब बड़ी दुकानें हैं। इनमें ड्रायफ्रूट्स की करीब 20 बड़ी दुकानें हैं। इनमें 25-30 पंसारियों की दुकानें हैं। इसके अलावा गली-मोहल्लों को मिलाकर भी छोटी-मोटी 200 दुकानें ओर हैं। अगर बड़ी दुकानों की बात करें तो सभी तरह के ड्रायफ्रूट्स की डेली बिक्री 500 से 600 किलो हो जाती है। ड्रायफ्रूट्स विक्रेता अशोक कुमार गर्ग बताते हैं कि अभी पहले से स्टॉक माल हमें तेज भावों में मिल रहा है, पर अफगानिस्तान से एक्सपोर्ट नहीं खुला तो स्टॉक खत्म होने पर ड्रायफ्रूट्स की किल्लत हो सकती है। अमेरिका में फसल खराब होने से बादाम के भाव बढ़े हैं। किराना व्यापारी अशोक जैन, नवीन जैन बताते हैं कि तीन-चार आयटमों के भाव बहुत बढ़ गए, इनमें अंजीर, मुनक्का, पिस्ता, हींग शामिल हैं। हींग अफगानिस्तान, तजाकिस्तान जैसे देशों से आती है। वे बताते हैं कि ड्रायफ्रूट्स की बिक्री सर्दियों में काफी बढ़ जाती है। अफगानिस्तान ने आयात प्रतिबंध नहीं हटाए तो इसका असर भिंड के व्यापारियों के कारोबार पर ज्यादा पड़ेगा।
सूखे मेवे के भाव भी आसमान पर
अफगानिस्तान में तालिबानियों के कब्जे के बाद से ही सूखे मेवे के भाव आसमान छू गए हैं। अफगानिस्तान से आने वाले सूखे मेवे की क्वालिटी अच्छी होती है। व्यापारियों में चर्चा है कि अब वहां से माल आएगा या नहीं और आएगा तो क्या व्यवस्था रहेगी। आमजन बादाम काजू, पिस्ता मिठाई बनाने में काम में लेते थे। रक्षाबंधन पर ड्राई फ्रूट्स की अच्छी बिक्री हो जाती थी। इस बार डिमांड लगभग न के बराबर रही। लोग मावे की मिठाई खरीद रहे हैं।
भिण्ड
व्यापारियों में चिंता- आगे माल आएगा या नहीं
- 25 Aug 2021