ठाणे/वाराणसी. उतर प्रदेश के वाराणसी में ठाणे क्राइम ब्रांच ने छापेमारी कर ड्रग्स फैक्ट्री पकड़ी है. यहां दो आरोपियों को पुलिस ने अरेस्ट किया है. अधिकारियों का कहना है कि फैक्ट्री से ड्रग्स (drugs) बनाने की सामग्री व मशीनरी सहित करीब 28 करोड़ रुपये की चीजें जब्त की गईं हैं. आरोपी यहां एमडी ड्रग्स तैयार कर रहे थे. मुंबई के पास ठाणे क्राइम ब्रांच ने वाराणसी में करीब डेढ़ महीने तक हुलिया बदलकर निगरानी रखी, इसके बाद कार्रवाई को अंजाम दिया. अधिकारियों के मुताबिक, इस कहानी की शुरुआत 24 जनवरी 2024 से लेकर 13 फरवरी 2024 तक के बीच शुरू हुई. सूचना के बाद पुलिस ने चार आरोपियों को ड्रग्स तस्करी मामले में पहले मुंबई से सटे वसई-नालासोपारा से गिरफ्तार किया.
गिरफ्तार आरोपियों में 22 वर्षीय आफताब अजीज मलाडा निवासी वसई,पाम कोर्ट नालासोपारा, 27 वर्षीय जयनाथ चांदबली यादव उर्फ कांचा निवासी सागर अपार्टमेंट नालासोपारा वसई, 32 वर्षीय शेर बहादुर राधेश्याम सिंग उर्फ अंकित निवासी शिवदर्शन बिल्डिंग ओसवालनगर नालासोपारा वसई और 48 वर्षीय हुसैन सलीम सैय्यद निवासी ओमकार अपार्टमेंट राजन पाड़ा नालसोपारा शामिल हैं.
गिरफ्तारी के दौरान आरोपियों के पास से 481 ग्राम एमडी (मेफेड्रान ड्रग्स - क्रिस्टल पाउडर) जब्त किया गया है. इसकी कीमत करीब 1405000 बताई गई है. पुलिस ने जब गिरफ्त में आए आरोपियों से पूछताछ की ड्रग्स के इस कारोबार की कई और कड़ियां खुल गईं.
पुलिस को ओम गुप्ता उर्फ मोनू नाम के आरोपी के बारे में पता चला. जब मोनू को लेकर छानबीन की गई तो पता चला कि वह अपने अन्य सहयोगियों के साथ यूपी के वाराणसी में भगवतीपुर गांव में रह रहा है. इसी गांव में प्रदीप प्रजापति का एक मकान है, जिसमें मेफेड्रान ड्रग्स बनाने की फैक्ट्री चल रही है.
साभार आज तक
मुंबई
वाराणसी के गांव में चल रही थी ड्रग्स फैक्ट्री, 28 करोड़ की सामग्री मिली
- 20 Mar 2024