इंदौर। वर्ल्ड सुसाइड प्रिवेंशन डे के तहत क्रिएट स्टोरीज एनजीओ द्वारा अवेयरनेस कार्यशाला में मनोचिकित्सक डॉ पवन राठी पालकों और युवाओं से रूबरू हुए ।
साइकेट्रिस्ट डॉ पवन राठी ने बताया विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस 10 सितंबर को मनाया जाता है, डब्ल्यूएचओ के मुताबिक भारत में हर साल तकरीबन 1 लाख लोग खुदकुशी कर लेते उनके अनुसार दुनिया में हर सेकंड कोई ना कोई व्यक्ति खुदकुशी करने की कोशिश करता है। डब्ल्यूएचओ का यह भी कहना है कि आत्महत्या करने वालों में ज्यादातर 15-29 साल के लोग शामिल हैं । इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि आत्महत्या करने वालों में ज्यादातर किशोर और युवा उम्र के लोग हैं । पढ़ाई का दबाव और नौकरी न मिलना इस उम्र में आत्महत्या की प्रमुख वजह है । 80 परसेंट केस में सुसाइड को रोका जा सकता है जरूरत है बात करने की या सामने वाले के मन को समझने की और सिम्पटम पहचानने की । सुसाइड अपने आप में कोई मानसिक बीमारी नहीं है , आत्महत्या से आने वाले पहले के विचारों और संकेतों को समझकर सही कदम उठाया जा सकता है ।
इंदौर
विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस कल, आत्महत्या कोई मानसिक बीमारी नहीं है: डॉ. राठी
- 09 Sep 2023