1861 से चल रही पुलिसया शब्दावली बदल जाएगी। कत्ल-जमानतदार,खतोखितावत जैसे उर्दू और फासरी के प्रचलित सैकड़ों शब्दों के स्थान हिंदी शब्दों का प्रयोग होगा।पुलिस मुख्यालय से मिले पत्र के बाद पुलिस कमिश्नर हरिनारायणाचारी मिश्र ने 220 शब्दों को बदलने का सुझाव मुख्यालय भेजा है।
रिसर्च एंड डेवलपमेंट एडीजी ने सभी एसपी,डीआइजी,आइजी और पुलिस कमिश्नर से सुझाव मांगा था। सीपी मिश्र ने 220 शब्दों का नया शब्दकोश तैयार कर मुख्यालय भेजा है। नई शब्दावली में उर्दू और फारसी के शब्दों की जगह हिंदी के कौनसे शब्द लिखे जाऐं यह भी सुझाव भेजा गया है।
जमानतदार (प्रतिभूतिदाता),
कत्ल( हत्या),
खतो खितावत (पत्राचार),
इकरारनामा (प्रतिज्ञापन),
साजिश (षड़यंत्र),
शहादत (साक्ष्य),
वाकिया (घटना),
जरे तजवीज (विचाराधीन),
जामातलाशी (वस्त्रों की तलाशी),
जरे तावान (अर्थ दंड),
चश्मदीद (प्रत्यक्षदर्शी),
कलमबद्ध (लेखा लेना),
अर्ज दाशत ( याचिका),
जरर (चोट),
अर्ज कुनप्दा (आवेदक)
दफा (धारा),
इमदाद (मदद ),
हमरिश्ता (संलग्न),
असरा (हिस्सा),
मुतैना नियुक्त (स्थान),
हाजा स्थान-(परिसर),
सहवन (भूलवश) सहित 220 नए शब्दों का शब्दकोश तैयार कर भेज दिया है।
दस्तायब सुनकर चौक गए थे मुख्यमंत्री
पिछले माह मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान प्रदेश के सभी पुलिस मुखियाओं के साथ अपराधों की समीक्षा कर रहे थे। इस दौरान नाबालिग बच्चों को ढूंढने पर चर्चा हुई और एक अफसर ने कहा हम बच्चों को दस्तयाब करने में काफी आगे है। सीएम चौंके और कहा दस्तयाब क्या होता है। इसके बाद एडीजी ने सभी एसपी-डीआइजी व आइजी को पत्र लिख दिया।
पुलिस ट्रेनिंग में सिखाए जाते है उर्दू व फारसी शब्द
प्रचलित उर्दू व फारसी के सैकड़ों शब्द पुलिस ट्रेनिंग में भी सिखाए जाते है। लिखा-पढ़ी,सूचना संकलन से लेकर कोर्ट पेश करउर्दू व फारसी के 383 शब्दों को बंद करने का सुझाव दे चुका है।