पुष्पेंद्र पुष्प
इंदौर। देखने में आया है कि शहर के पुलिस थानों में प्रतिदिन चार-पांच लोगों के गुमशुदा होने के मामलों में अपहरण के केस दर्ज किए जाते हैं। इनमें सबसे अधिक बच्चे और नाबालिग रहते हैं। कोर्ट के निर्देश पर ऐसे मामलों में पुलिस कीडनेप के केस दर्ज कर उनकी तलाश शुरू करती है। कई बार तो बच्चे व नाबालिग मिल जाते हैं, लेकिन कभी-कभी ऐसा भी होता है कि पुलिस और परिजनों की तलाश के बाद भी सफलता नहीं मिलती। अब पुलिस ने गुमशुदा लोगों की तलाशी का विशेष अभियान चलाया है । इस अभियान में पुलिस ने उन परिजनों के चेहरों पर खुशियां लौटा रही है, जिनके अपने कहीं गुम हो गए थे।
आईजी हरिनारायण चारी मिश्र के निर्देश पर गुमशुदा की तलाश का विशेष अभियान चल रहा है। इस अभियान में एसपी पश्चिम के सर्कल में दर्ज 866 में से 220 लोगों को पुलिस ने खोज लिया और परिजनों के सुपुर्द किया है। पुलिस की इस विशेष मुहिम ने उन लोगों के चेहरे खिला दिए जिनके घर वाले लापता थे । सर्कल के ग्रामीण और पश्चिम इलाके के थाना प्रभारियों को गुमशुदा लोगों की तलाश के लिए अभियान चलाने के निर्देश दिए थे। पुलिस ने 2 दिन तक विशेष मुहिम चलाई। इस दौरान लगभग 220 लोगों को ढूंढ निकाला और उनके परिजनों को सौंपा है।
एसपी पश्चिम महेशचंद जैन के अनुसार उनके सर्कल में 866 गुमशुदगी के मामले दर्ज है। 2 दिन में ही 25 प्रतिशत गुम लोगों को तलाशने का काम पुलिस ने किया है। पुलिस ने इस दौरान तकनीकी पहलुओं का इस्तेमाल के साथ ही मुखबिर तंत्र को भी सक्रिय किया था। सभी के संयुक्त प्रयास का नतीजा रहा कि कई लापता लोग सकुशल अपने परिवार के लोगों तक पहुंच गए।
परिजनों से नाराज होकर घर छोड़ा, 48 घंटे में पुलिस ने ढूंढा
परदेशीपुरा पुलिस ने परिजनों से नाराज होकर घर छोडऩे वाली नाबालिग को 48 घंटे में देवास से दस्तयाब कर लिया। 30 अगस्त को शिवाजी नगर निवासी किशोरी के पिता ने पुलिस को बताया कि उनकी बेटी बिना बताये कही चली गई है। अधिकारियों ने तत्काल प्रकरण दर्ज कर तलाश हेतु टीआई अशोक पाटीदार को निर्देशित किया गया। थाने के एएसआई प्यारसिंह बारिया, प्रआर. रोशन, संतोष तिवारी को जांच में लगाया। इसी दौरान मुखबिर ने बताया कि बालिका चामुंडा माता के दर्शन करने बस से गई है। इस पर तत्काल पुलिस देवास पहुंची ौर स्थानीय पुलिस की मदद् से बालिका को दस्तयाब कर लिया। पीडि़ता ने बताया कि वह अपने घरवालों से नाराज होकर गुस्से में देवास आ गई थी। बालिका को उसके पिता को सुपुर्द कर दिया।
हरियाणा के मानसिक विकलांग को परिजनों से मिलाया
हरियाणा से इंदौर आकर भटक रहे मानसिक विकलांग युवक को भी पुलिस ने उसके परिजनों से मिला दिया। राजेन्द्रनगर पुलिस के अनुसार विजय पैलेस इलाके में कुछ दिन पूर्व एक संदिग्ध युवक घूम रहा था। सूचना मिलने पर पुलिस ने पूछताछ की तो वह कुछ नहीं बता पाया। युवक लहजे से हरियाणा का लग रहा था। उसने तीन अलग अलग शहरों के बारे में जानकारी दी, स्थानीय पुलिस से सम्पर्क करने पर युवक और इलाके व सम्बंधित की गुमशुदगी के बारे में कोई जानकारी प्राप्त नही हुई। इसके बाद उसने अपनी बहन का नाम बताते हुए छह अंक का नंबर लिखा। सर्च करने पर वह पिनकोड नंबर ज्ञात हुआ, जो रेवाड़ी का था। इस पर पुलिस ने काम कर उसके परिजनों को खोज लिया। पुलिस को पता चला कि युवक के पिता रेवाड़ी रेलवे स्टेशन के बाहर रेवड़ी पेठे का ठेला लगाते है। ठेले पर ही रहने के दौरान अचानक वह ट्रेन में सवार होकर इंदौर आ गया था। गुरुवार सुबह हरियाणा से परिजन इंदौर पहुंचे, राजेन्द्र नगर पुलिस ने वैध दस्तावेज का परीक्षण कर युवक को परिजनों के सुपुर्द कर दिया। युवक को सलाम देख उसके परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उन्होंने इंदौर पुलिस का हृदय से आभार माना।
इस संबंध में आईजी हरिनारायणचारी मिश्र ने बताय कि गुमशुदा लोगों को तलाशने का अभियान लगातार चलेगा। सभी अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्र में लापता हुए लोगों को ढूंढकर उनके परिजनों को सौंपे।
DGR विशेष
विशेष अभियान में सफलता ... चेहरों पर खुशियां लौटा रही पुलिस, गुमशुदा लोगों को ढूंढकर मिला रहे परिजनों से
- 03 Sep 2021