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भोपाल

वनों की सुरक्षा से खिलवाड़, 125 करोड़ से खरीदी रिवॉल्वर और 12 बोर की बंदूकों में लग रही जंग क्योंकि वन अमले को ट्रेनिंग ही नहीं मिली

  • 01 Oct 2021


भोपाल। वनों की सुरक्षा के लिए सवा सौ करोड़ से खरीदी गई रिवॉल्वर और 12 बोर की बंदूकों में अब जंग लग रहा है। पिछले सात साल के दौरान इनको अलग-अलग समय में खरीदा गया। भोपाल फॉरेस्ट सर्किल में 300 बंदूकें और 35 रिवाल्वर जबकि प्रदेश के सर्किलों में 3157 बंदूकें और 286 रिवाल्वर मैदानी अमले को दिए गए। लेकिन हथियार मिलने के बाद वन अमले को इन्हें चलाने का अधिकार नहीं मिला। नतीजे में वन अमले ने उन्हें आवंटित बंदूकों और रिवॉल्वरों को संबंधित थानों और मालखाने में जमा करा दिया।
जरूरत पर काम ही नहीं आए हथियार
बैरसिया रेंज के बीलखोह में अतिक्रमण हटाने गए वन और पुलिस अमले पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया। इसमें रेंजर एनके चौहान सहित 9 लोग घायल हुए। कुछ पुलिस कर्मियों को भी चोटें आई हैं। रेंजर के पास रिवाल्वर होते हुए भी उन्होंने हवाई फायर तक नहीं किया। वहीं भोपाल वनमंडल अमले ने 3-4 फरवरी 2021 की रात शिकारियों की एक काले रंग की स्कार्पियो को पकडऩे के लिए घेराबंदी की। नतीजे में शिकारियों ने वन अमले पर प्राणघातक हमला कर दिया था और मौके से भाग निकले। तब वन अमले की बंदूकें थाने में रखीं हुई थीं।
बंदूक और कारतूस हो गए खराब
वन विभाग ने पिछले सात साल में पॉइंट-32 (केलिबर) की रिवॉल्वर, 12 बोर की बंदूकें खरीदने पर करीब सवा सौ करोड़ खर्च किए हैं। साथ ही विभाग ने पूर्व में 15 हजार कारतूस खरीदे थे, जो मालखाने में रखे-रखे खराब हो गए।
बैरसिया से चोरी हो गईं बंदूकें
बैरसिया रेंज से 8 बंदूकें चोरी होने पर इन्हें तलाशने के बाद मालखाने में रखवा दिया। वहीं, समरधा रेंज की बंदूकें रातीबड़ व नीलबड़ थाने में रखी है। ऐसे ही समरधा रेंज के तत्कालीन रेंजर सुधीर सिंह के घर से एक बंदूक चोरी गई थी।
कोरोना के चलते ट्रेनिंग नहीं
भोपाल फॉरेस्ट सर्किल में सुरक्षा की दृष्टि से मालखाने और थानों में बंदूकें रखी हैं। रेंजर्स को रिवाल्वर दी हैं। अभी तक कोरोना के कारण प्रशिक्षण नहीं हुआ।
रवींद्र सक्सेना, सीसीएफ भोपाल