नई दिल्ली। असोला भाटी सेंक्चुअरी के नजदीक सूरजकुंड-पाली रोड पर वन्यजीवों के लिए देश का पहला कॉरिडोर बनाने के लिए दिल्ली वन विभाग ने सर्वे पूरा कर लिया है। इससे सड़क पार करने के दौरान वन्यजीवों के साथ होने वाले हादसों में कमी लाने में विभाग को मदद मिलेगी।
बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी के दिल्ली प्रमुख सोहेल मदन के मुताबिक, पिछले पांच साल में करीब पांच तेंदुए मर चुके हैं। वन्यजीव अभ्यारण्य से गुजरने वाली या उससे सटी सड़कों पर यह घटनाएं हुई हैं। गत 28 जून को सड़क पार करने के दौरान दो वर्षीय मादा तेंदुआ मर गई थी, जिसके बाद वन विभाग ने वाइल्ड लाइफ कॉरिडोर की जरूरत बताई थी। दिल्ली वन विभाग के अधिकारियों ने हरियाणा वन विभाग के अधिकारियों के साथ इस मामले को प्राथमिकता दी।
वन विभाग के एक अधिकारी के अनुसार, 28 जून की घटना के बाद विभाग ने दिल्ली मेट्रो रेल कॉपोर्रेशन (डीएमआरसी) से सूरजकुंड-पाली मार्ग पर एक सुरक्षित मार्ग के निर्माण के लिए सर्वेक्षण करने के लिए कहा था। इस पर डीएमआरसी ने अंडरपास निर्माण करने का सुझाव दिया। इस सप्ताह की शुरूआत में इस संबंध में मुख्य चीफ वॉर्डन को एक सिफारिश भी प्रस्तुत की गई है। उन्होंने कहा कि 28 जून की घटना वाले स्थान पर अंडरपास का निर्माण दिल्ली सरकार करेगी और इसमें हरियाणा की कोई भागीदारी नहीं होगी।
सोहेल मदन के मुताबिक, वाइल्ड लाइफ कॉरिडोर के लिए एलिवेटेड सड़क जंगली जानवरों के लिए बेहतर विकल्प होगा। इससे जंगली जानवरों को जमीनी स्तर पर रास्ता मिलेगा।
दक्षिणी दिल्ली में 32.71 वर्ग किमी क्षेत्र को कवर करने वाली वाइल्ड लाइफ सेंचुरी दिल्ली-हरियाणा सीमा पर अरावली पर्वत श्रृंखला का हिस्सा है। यह राजस्थान के सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान से दिल्ली रिज तक फैला हुआ है।
दिल्ली
वन्यजीवों के लिए देश का पहले कॉरिडोर का सर्वे पूरा
- 16 Jul 2021