बुरहानपुर। गृह विभाग की हरी झंडी मिलने के बाद वन विभाग ने वनकर्मियों की वर्षों पुरानी मांग पूरी करते हुए उन्हें विशेष परिस्थितियों में बंदूक चलाने का अधिकार दे दिया है। इसके लिए एसओपी (स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसिजर) भी जारी कर दिया गया है, लेकिन वन विभाग के पास उपलब्ध करीब बीस साल से ज्यादा पुरानी थ्री नाट थ्री बंदूकें ही चलाने योग्य नहीं बची हैं। इसके साथ ही सालों से शस्त्रागार में रखे कारतूसों की जीवन अवधि भी बीत चुकी है। तीन साल से ज्यादा पुराने कारतूसों को सिर्फ प्रशिक्षण में किया जाता है। जिसके चलते अधिकार मिलने के बावजूद वनकर्मियों को आत्मरक्षा करने में खासी जद्दोजहद करनी पड़ सकती है। जिले में उपलब्ध वन अमले के मान से बंदूकें भी कम हैं।
वनकर्मियों को देना होगा हथियार चलाने का प्रशिक्षण
जानकारी के मुताबिक बुरहानपुर जिले में करीब 225 वनकर्मी तैनात हैं। जबकि विभाग के पास लगभग 100 बंदूकें ही उपलब्ध हैं। अब तक वनकर्मियों को बंदूक चलाने का अधिकार नहीं होने के कारण उनके प्रशिक्षण पर भी ध्यान नहीं दिया जाता था। जिले में पिछली बार दिसंबर 2020 में औपचारिक चांदमारी कराई गई थी। ऐसे में उनसे अचूक निशाने की उम्मीद नहीं की जा सकती। इस अधिकार का सही उपयोग कराने के लिए वनकर्मियों को नए व आधुनिक हथियार उपलब्ध कराने के साथ ही प्रशिक्षित भी कराना होगा।
अतिक्रमणकारियों ने छीन ली थी बंदूकें
प्रदेश के अति संवेदनशील वन मंडलों में शामिल बुरहानपुर जिले में गत 28 नवंबर को नावरा रेंज की वन चौकी बाकड़ी से अतिक्रमणकारियों द्वारा 17 बंदूकें लूट ली गई थीं। इसके साथ ही तीन साल में वनकर्मियों पर पंद्रह से ज्यादा हमले हो चुके हैं। जिनमें वन और पुलिसकर्मियों के घायल होने के साथ ही वाहनों को भी नुकसान पहुंचा है। इससे पहले अतिक्रमणकारियों ने जंगल में गए वनकर्मियों की कुछ बंदूकें भी छीन ली थीं। गोली चलाने का अधिकार नहीं होने के कारण वनकर्मियों ने अपनी बंदूकें विभाग के पास जमा करा दी थीं। इन्हीं घटनाओं को देखते हुए वन विभाग ने अब जाकर वनकर्मियों को बंदूक चलाने का अधिकार दिया है।
सीसीटीवी कैमरों से होगी निगरानी
वन विभाग द्वारा जारी एसओपी में कहा गया है कि प्रदेश के पचास वन मंडल और 120 चौकियों में शस्त्रागार बनाए जाएंगे। इनमें दो अलग-अलग कक्षों में बंदूक, कारतूस व गोला बारूद रखा जाएगा। इसकी निगरानी चौबीस घंटे सीसीटीवी कैमरों से होगी। शस्त्रागार में चौबीस घंटे पांच वनकर्मी सुरक्षा के लिए तैनात रहेंगे। अधिकारी समय-समय पर इनका निरीक्षण करेंगे। ये शस्त्रागार पुलिस विभाग के मापदंड अनुसार बनाए जाएंगे।
बारह चौकियों से करते हैं सुरक्षा
बुरहानपुर जिले में वन विभाग के दो सब डिवीजन बुरहानपुर और नेपानगर हैं। जिले में आठ रेंज और 12 वन चौकियां हैं। जिनके माध्यम से वनों की सुरक्षा की जाती है। आठ रेंजों में बुरहानपुर, शाहपुर, बोदरली, खकनार, धूलकोट, असीर, नेपा और नावरा शामिल हैं। सर्वाधिक संवेदनशील धूलकोट, असीर, नेपा ओर नावरा रेंज हैं।
बुरहानपुर
वनकर्मियों को अधिकार मिला, लेकिन बंदूकें चलाने योग्य नहीं
- 13 Apr 2023