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इंदौर

वनस्टॉप सेंटर ने बचाया न्यायालय पहुंचा हुआ एक और रिश्ता, शराब की लत ने बर्बाद की दो जिंदगियां, वन स्टॉप सेन्टर ने संवारा रिश्ता

  • 20 Apr 2022

माननीय न्यायालय में दर्ज एक प्रकरण न्यायालय द्वारा परामर्श के लिये वन स्टॉप सेंटर पर भेजा गया।
विधिक मामलों की केस वर्कर सुश्री शिवानी श्रीवास ने न्यायालय में दायर प्रकरण को जब समझा तो प्रशासक डॉ वंचना सिंह परिहार से चर्चा करके बताया कि केवल गुस्से में प्रकरण लगाया गया है,जबकि पीड़िता और उसका पति दोनों ही एकदूसरे से प्यार करते हैं।ऐसा समझ आने पर प्रकरण को तुरंत  परामर्शदात्री सुश्री अल्का फणसे के पास भेजा गया।
प्रथम परामर्श सत्र प्रार्थी विनी के साथ हुआ, फिर विनी के पति आदेश को बुलाया गया जो उज्जैन में निवासरत था। पति आदेश ने काफी समय आने में आनाकानी करने में निकल दिया,फिर जब किसी तरह वह उपस्थित हुआ तब उसके साथ सत्र हुआ।
इस प्रक्रिया में समझौते की प्रबल संभावना नजर आई, पर उलझा रिश्ता सुलझाने केलिए समय और धैर्य दोनो की ही आवश्यकता थी।अगले 8 दिन बाद ही न्यायालय में तारीख लगी थी।
ऐसे में प्रशासक डा वंचना सिंह परिहार जी ने स्वयं प्रकरण के लिए मार्गदर्शन देते हुए प्रार्थी विनि से न्यायालय को आवेदन कारवाया गया जिसमे तारीख आगे बढ़ाने की विनती की गई जो मान्य हुई।
एक महीने का समय न्यायालय ने दिया परामर्श से मसाला हल करने के लिए।
इस दौरान पुनः परामर्श सत्र हुए,
पति को शराब की लत होना, विवाह के ५ वर्ष बाद भी संतान न होना, पत्नी के गहने गिरवी रखना,पत्नी को निजी खर्च केलिए पैसे न देना , ऐसी कई समस्याएं पत्नी विनी ने सामने रखी परंतु साथ ही यह भी महसूस हुआ कीl पति आदेश पत्नी से बेहद प्यार करता था एवम इसी बात को सहारा बनाकर
दोनों में समझौता करने की कोशिश की गई जो अंत में सफल हुई।
आदेश उज्जैन की बुरी संगत से निकलने के लिए इंदौर बसने केलिए तैयार हो गया जिसमे आदेश के माता पिता ने भी सहमति जताई।
आदेश की शराब की लत छुड़ाने के लिए चुकी वाह डिएक्शन सेंटर का खर्च वहन नहीं कर सकता था उसे घर पर ही पीकर धीरे धीरे अंतराल बढ़ाकर लत से बाहर आने का सुझाव दिया जिस पर विनी पूरा कंट्रोल रखेगी ये तय हुआ।यह उपाय कारगर हुआ और न्यायालय गया हुआ एक मामला डा परिहार के मार्गदर्शन में सुलझ गया।