छिंदवाड़ा। जिले की सीमा में स्थित पेंच नेशनल पार्क बाघों की सर्वाधिक सख्या को लेकर विख्यात है । किन्तु पेंच पार्क से अब धीरे धीरे करके यह तमंगा छिनता दिख रहा है। । यहां रहस्यमयी ढंग से लगातार बाघों की मौत हो रही है। तो वही बाघों के बीच संघर्ष भी बढ़ गया है । जिससे कभी बाघ काल के गाल में समा जा रहे है । तो वही गंभीर रूप से घायल होने के मामले भी प्रकाश में आ रहा है ।
कुछ ऐसा ही मामला बीते दिन खवासा परिक्षेत्र के अंतर्गत बाज रिसोर्ट, ग्राम आवरघानी के समीप प्रकाश में आया ।डायरेक्टर विक्रम सिंह परिहार ने बताया कि दो दिन पूर्व मध्य रात्रि में सूचना प्राप्त हुई कि पेंच टाइगर रिजर्व, सिवनी के खवासा परिक्षेत्र के अंतर्गत बाज रिसोर्ट, ग्राम आवरघानी में एक बाघ रात्रि में दिखा है एवं वह घायल है एवं गर्दन झुका कर चल रहा है। तत्काल हाथियों को प्रात: दिनांक 10 जुलाई को स्थल पर पहुंचने बावत् निर्देशित किया गया। 10 एवं 11 जुलाई को हाथियों, पैदल अधिकारियों एवं स्टाफ के द्वारा बाज रिसोर्ट स्थल पर ढूंढा गया एवं आस-पास के वनक्षेत्र में भी उसे ढूंढा गया किन्तु घायल बाघ नहीं मिला।
बीते दिन पुन: हाथियों से सर्चिंग में बाघ को बाज रिसोर्ट के कैम्पस में पाया गया।उपलब्ध फोटोज से मिलान करने पर यह पाय गया कि यह बाघ टी 11 है एवं इसकी उम्र लगभग 17 वर्ष है। 11 की गर्दन के पास 13 घाव, कंधे एवं पुट्ठे आदि भी कई घाव हैं। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि किसी अन्य बाघ से लड़ाई में इसे गर्दन पर चोट पहुंची है। उन्होंने बताया कि घायल बाघ को उपचार हेतु वन विहार भोपाल भेजा जा रहा है।
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वर्चस्व की लड़ाई में दो बाघों में हुआ संघर्ष
- 13 Jul 2021