पौराणिक कथाओं के अनुसार, सृष्टि की रचना होने के बाद सभी जीव पृथ्वी पर वास कर रहे थे, लेकिन चारों ओर सन्नाटा पसरा हुआ था. इस वजह से ब्रह्मा जी ने वाणी की देवी मां सरस्वती का आह्वान किया, तब मां सरस्वती प्रकट हुईं. माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को माता सरस्वती का प्रकाट्य हुआ था, उस दिन वसंत पंचमी थी. इस वजह से हर वर्ष वसंत पंचमी पर सरस्वती पूजा की जाती है.
मां सरस्वती की कृपा से ही जीवों को स्वर प्राप्त हुआ, उन्हें वाणी मिली. सभी बोलने लगे. सबसे पहले मां सरस्वती के वीणा से ही संगीत के प्रथम स्वर निकले. वीणावादिनी मां सरस्वती कमल पर आसिन होकर हाथों में पुस्तक लेकर प्रकट हुई थीं. इस वजह से मां सरस्वती को ज्ञान एवं वाणी की देवी कहा जाता है.
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वसंत पंचमी पर सरस्वती पूजा क्यों?
- 05 Feb 2022