गुना। जिले में शिक्षा विभाग द्वारा वित्तीय अनियमितता का अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। विभाग ने मृत शिक्षक के परिवार वालों को अनुग्रह अनुदान राशि का भुगतान दो बार कर दिया। इसका पता भी विभाग को तब चला, जब शिक्षक के परिजनों ने उनके बाकी स्वत्वों के भुगतान के लिए आवेदन दिया। विभाग ने स्वत्वों के भुगतान की जगह उनकी पत्नी को ही उल्टा पत्र भेज दिया कि एक बार की अनुग्रह राशि को वह विभाग को वापस करें।
मामला चांचौड़ा इलाके का है। मृगवास विकासखंड के बरखुआ खां शासकीय विद्यालय में पदस्थ शिक्षक कल्याण प्रसाद श्रीवास्तव की मृत्यु 29 दिसंबर 2019 को हो गयी थी। शासकीय सेवा में रहते हुए ही उनकी मौत हुई। परिवार वालों ने उनके वेतन और एरियर के भुगतान के लिए आवेदन दिया। क्चश्वह्र को कई बार आवेदन देने के बाद भी भुगतान नहीं हुआ। आवेदन मार्क कर कार्यालय में पदस्थ बाबू को भेज दिया, लेकिन बाबू ने कहा कि उनका कोई भुगतान नहीं होना है।
मृत शिक्षक के परिवार वालों ने सीएम हेल्पलाइन में इसकी शिकायत की, लेकिन वहां शिकायत पेंडिंग है। कार्यालय ने वहां जवाब दे दिया कि कोई भुगतान शेष नहीं है। परिवार वालों कलेक्टर तक शिकायत की। कलेक्टर ने मामले को समय सीमा में ले लिए है। लेकिन आज तक भुगतान नहीं हो पाया है। कार्यालय में पदस्थ बाबू कहती है कि जहां शिकायत करनी है करो, उसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ पायेगा।
विभाग ने भेजा नोटिस
एक तरफ परिवार बकाया पाने की लड़ाई लड़ रहा है, वहीं दूरी तरफ विभाग ने मृत शिक्षक की पत्नी को एक नोटिस भेज दिया। नोटिस में कहा गया कि मृत शिक्षक की अनुग्रह अनुदान राशि दो बार दे दी गयी है। इसलिए एक बार की राशि 50 हजार रुपये वह वापस करें। चालान के माध्यम से जमा कराएं। हैरानी की बात है कि मौत के अगले महीने ही यह राशि दी गयी थी। दो वर्ष में विभाग अपनी इस गलती को नहीं पकड़ पाया, जबकि हर वर्ष ऑडिट होता है। जब परिवार ने बकाया स्वत्वों के भुगतान का आवेदन दिया, तो विभाग ने उन्हें ही नोटिस थमा दिया।
कलेक्टर की फटकार से खुली नींद
कलेक्टर कार्यालय गुना में शिकायत समय-सीमा शाखा में लंबित है। जब शिकायत को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों ने बीईओ चाचौड़ा पर को फटकार लगाई तो आनन फानन में बीईओ चाचौड़ा द्वारा मृतक कर्मचारी के परिवार को लिखित एक पत्र में इस बात को स्पष्ट किया गया है कि शिक्षा विभाग के तत्कालीन प्रधान लिपिक (अब सेवानिवृत्त) बृजनारायण शर्मा के द्वारा एक्स-ग्रेसिया राशि का दो बार भुगतान किया गया। जबकि यह पूरी प्रकिया विभागीय होकर आहरण अधिकारी खुद बीईओ चाचौड़ा को ही है। उन्ही के द्वारा दो बार भुगतान किया गया है। मृतक कर्मचारी के परिवार का इससे कोई लेना-देना नही होता है, खुद को पाक-साफ बताने की कोशिश में यह सब किया जा रहा है ओर दोष एक सेवानिवृत्त कर्मचारी पर डाला जा रहा है।
मृतक शिक्षक के बेटे विकास ने बताया कि बीईओ कार्यालय चाचौड़ा से एक पत्र प्राप्त हुआ है, जिसमे एक्स-ग्रेसिया राशि का दो बार भुगतान होना बताया है। हमने किए गए भुगतान के बारे में जानकारी मांगी है, अगर दो बार भुगतान हुआ है तो राशि हम शासन को चालान के माध्यम से लौटाने के लिए तैयार हैं। साथ ही हमारी मांग है कि शेष रहे स्वत्वों का भुगतान भी किया जाए और दोषियों से सम्पूर्ण राशि ब्याज सहित दिलाई जाए।
गुना
शिक्षा विभाग का खेल- मृत शिक्षक को दो बार दे दी अनुग्रह अनुदान राशि
- 07 Mar 2022