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भोपाल

शेयर ट्रेडिंग के नाम पर 1.85 करोड़ की ठगी

  • 06 Feb 2024

एआई का इस्तेमाल कर तैयार किए फर्जी ट्रेडिंग अकाउंट, भोपाल में ऐसा पहला केस
भोपाल। भोपाल के एक व्यक्ति से साइबर जालसाज ने 1.85 करोड़ रुपए की ठगी कर ली। आरोपियों ने प्रतिष्ठित कंपनियों के फर्जी स्टाक शेयर मार्केट ट्रेडिंग अकाउंट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से तैयार कर किए हैं। वे सोशल साइट पर इनमें इन्वेस्टमेंट कराने का झांसा देकर ठगी की वारदात को अंजाम देते हैं।
राजधानी में इस तरह की ठगी का यह पहला मामला बताया जा रहा है। साइबर पुलिस ने शिकायत मिलने के बाद 419, 420 भादंवि 66 (सी), 66 (डी) आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया है। पुलिस जांच कर आरोपियों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। ठगी को 7 नवंबर 2023 से 14 जनवरी 2024 के बीच अंजाम दिया गया है।
ऐसे भरोसे में लेते हैं आरोपी-
कुछ ही दिनों में उन्हें एक अज्ञात नंबर से कॉल आया। उन्हें बताया गया कि इंद्रा सिक्योरिटीज के कस्टमर केयर से बात कर रहे हैं। बाद में उन्हें एक अन्य वाट्सएप ग्रुप जॉइन करने को कहा गया। कुछ समय बाद में उन्हें लिंक भेजकर टेलीग्राम ग्रुप को जॉइन कराया गया। इस ग्रुप को इंडिया सिक्योरिटीज का बताया गया। भरोसे में लेने के लिए इस ग्रुप में इंडिया सिक्योरिटी के डायरेक्टर की असल फोटो के साथ कंपनी का डिस्क्रिप्शन लिखा था। फरियादी ने भरोसे में आने के बाद कंपनी के शेयर में निवेश करना शुरू किया।
छोटे निवेश में मिले अच्छे रिटर्न-
कई छोटे निवेशों में अच्छे रिटर्न मिले तो जिंदगी भर की जमा पूंजी एक करोड़ रुपए सहित 85 लाख रुपए का कर्ज लेकर निवेश कर दिया। इसके बाद शेयर की सेल से रोका जाने लगा। संदेह हुआ तो ग्रुप मेंबर्स से बातचीत करना शुरू की। एडमिन ने जवाब देना बंद कर दिया। तब ठगी का अहसास हुआ। इसके बाद मामले की शिकायत कर दी। 19 जनवरी को की गई इस शिकायत की जांच के बाद पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर लिया। अब तक की जांच में यह साफ हो चुका है कि पूरी वारदात को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से कंपनी की फेक प्रोफाइल तैयार कर अंजाम दिया है।
आॅनलाइन धोखाधड़ी के 48 घंटे में 20 से ज्यादा मामले-
भोपाल में अब आॅन लाइन धोखाधड़ी के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। पिछले 24 घंटों के दौरान 10 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि बुधवार को इसी तरह के करीब 9 मामले दर्ज किए गए थे, जबकि 48 घंटे के दौरान 20 से ज्यादा मामले दर्ज हो चुके हैं। इस बार आॅनलाइन जालसाजों ने बैंक कर्मचारी से लेकर छात्रा तक को निशाना बनाया। अधूरी जानकारी के कारण इस दौरान लोगों से 5 लाख रुपए की रकम आरोपियों ने ऐंठ ली। पुलिस ने कुछ मामले दर्ज करने में एक साल तक का समय लगा दिया।