DGR @ एल.एन.उग्र (PRO )
शहर की आधुनिकता का ग्रामीण परिवेश में क्या फर्क पड़ा है प्रभाव पड़ा है?
शहरी आधुनिकता का ग्रामीण परिवेश पर यह फर्क पड़ा है कि, जो लोग शहरी जीवन को अपनाना चाहते हैं, वह ग्रामीण क्षेत्र में वैसे ही प्रयास करते हैं और शहरी जो दिखावा है उसके कारण ग्रामीण क्षेत्र में भी अपराध जगत में बढ़ोतरी हुई है।
ग्रामीण और शहरी थाना क्षेत्र की कार्य प्रणाली में क्या अंतर होता है ?
मेरे द्वारा शहरी थाना क्षेत्र और ग्रामीण थाना क्षेत्र दोनों में काम किया गया है, मैंने अनुभव किया है कि, ग्रामीण क्षेत्र के जो लोग होते हैं वह सीधे-साधे लोग होते हैं। सच्चा और सरल व्यक्ति होता है ,जबकि शहर का व्यक्ति अपना दिमाग लगाकर कोई भी रिपोर्ट करता है । ग्रामीण क्षेत्र का जो व्यक्ति होता वह सीधी भाषा में अपनी बात कहता है, इसी आधार पर पुलिस को कार्यवाही भी करना होती है । तो पुलिस की कार्यवाही , प्रक्रिया तो एक जैसी है । प्रक्रिया और कार्यवाही में कोई फर्क नहीं होता है। अपराधी तो अपराधी होता है अपराध पर जिस तरह नियंत्रण पा सके वही कार्य पुलिस को करना होता है ।
क्या अपराध के स्तर पर कुछ भिन्नता होती हैं ?
जहां तक मेरा ख्याल है बड़े शहरों में अपराध अधिक होते हैं और छोटी जगहों पर अपराध कम होते हैं । यहां छोटा कस्बा है इसलिए अपराध की संख्या कम होती है। यहां पर आदतन अपराधी भी बहुत कम रहते हैं। और लोग एक दूसरे को जानते हैं पहचान रहती है ,इसलिए अज्ञात अपराधी यहां पर बहुत कम पाए जाते हैं। कम घटनाएं कर पाते हैं। और शहरों में यह अंतर होता है लोग एक दूसरे को नहीं जानते हैं बाहर दूसरे मोहल्ले से आकर भी आदमी अपराध कर देता है। अज्ञात अपराधी के नाम से अपराध हो जाते हैं।
अपराधी होने के पीछे आपकी नजरों में क्या कारण हो सकता है ?
अपराधी होने के पीछे मुख्य रूप से आर्थिक कारण ही होता है । आर्थिक तंगी के कारण आदमी अपराध करते हैं, कुछ मामलों में मेरी नजरों में सामाजिक कारण भी रहता है। जैसे कोई व्यक्ति किसी व्यक्ति को नाजायज रूप से दबाता है तो वह व्यक्ति अपराध की ओर मुड़ जाता है और अपराध करने लगता है ।
पारिवारिक विवादों में पुलिस की क्या भूमिका होती है ?
जब पारिवारिक विवाद आते हैं, तब जैसा कि वरिष्ठ अधिकारियों के भी हम को निर्देश प्राप्त हैं । पहले उसमें काउंसलिंग करके उनको आपस में समझोतो के माध्यम से निपटाने का प्रयास किया जाना चाहिए । हम लोग यह प्रयास करते भी हैं और अगर वह आपसी समझौते से काउंसलिंग से नहीं समझता है तो फिर कानूनी कार्यवाही के माध्यम से हम उस पर कार्रवाई करते हैं। और जो भी सभी के हित में हो वह निर्णय का प्रयास रहता है।
ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं के अपराध की क्या स्थिति है और सामाजिक परिवेश को सुधारने के लिए क्या प्रयास किये जा रहे है ।
ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं संबंधी अपराध नहीं है। ग्रामीण क्षेत्र से महिलाओं के अपराध की संख्या ना के बराबर होती है। इसलिए हम कह सकते हैं कि ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं के संबंधित अपराधों में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। उल्लेख नहीं है।
तथा सामाजिक परिवेश को सुधारने के लिए पुलिस के द्वारा अनेक कार्य किए जाते हैं। नशा मुक्ति कार्यक्रम किया जाता है, बालिकाओं को उनकी सुरक्षा के लिए जागरूक करने का प्रयास रहता है, दहेज प्रताड़ना,नशाखोरी इन सब चीजों के लिए तथा अन्य सामाजिक बुराइयों के लिए भी पुलिस के द्वारा सकारात्मक सोच के साथ कार्यवाही की जाती है।
क्या आपके कार्य में राजनीतिक हस्तक्षेप होता है?
देखिए यह तो निश्चित है कि जब भी हम कोई कोई काम करते हैं सार्वजनिक रूप से , तो जो लोग होते हैं, वह अपने हिसाब से काम करने का प्रयास करते हैं । यह एक सामान्य प्रक्रिया है, लोग परेशान होते हैं तो अपने स्तर पर परिचित लोगों की सिफारिश लगाते हैं । परंतु हमारे द्वारा वैधानिक कार्यवाही ही सुनिश्चित की जाती है । क्योंकि हमारा कानून का पालन करने का सिद्धांत है, इसलिए हम यही प्रयास करते हैं कि वैधानिक कार्यवाही पूर्ण हो सके । सामने वाले को भी हम इसी तरह से संतुष्ट करने का प्रयास करते हैं। और वह हमारे तर्को से सहमत भी होते हैं, अनुचित्र कार्य करने के लिए किसी तरह का कोई दबाव नहीं होता है ,राजनीतिक मायने नहीं रखता।
शहरों की तरह आपको भी छोटे-मोटे अपराधियों को छोड़ने के लिए कि लिए" भैयाओं "का फोन आता है?
हां कभी-कभी ऐसा होता है, कि किसी अपराधी को पकड़ते हैं तो किसी नेता का या किसी पहुंच वाले व्यक्ति का फोन आता है । नेताओं की या जो भी प्रभावशाली व्यक्ति हैं उनके भी फोन आते है। और यह कहा जाता है कि यह हमारा व्यक्ति है यह इस तरह का अपराध नहीं कर सकता । उनके द्वारा कहा जाता है लेकिन हमारे द्वारा उनको जो वास्तविक स्थिति बताई जाती है ,तो कई बार वह भी समझ जाते हैं और जो वैधानिक कार्य होती है वह चलती रहती है उस पर किसी तरह का कोई जोर नहीं रहता है।
आपके थाना क्षेत्र में चैन स्नैचिंग लूटपाट और डकैती की घटनाओं का ग्राफ पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष कितना है ?
पिछले वर्ष की तुलना में हमारे यहां संपत्ति संबंधी अपराध कम हुए और जो अन्य अपराध हुए हैं उनमें से 70% अपराधों को हमने डिटेक्ट भी कर लिया है। कुछ अपराध है जिन जो डिटेक्ट नहीं हो पाए हैं, जिनमें मोटरसाइकिल चोरी जैसे अपराध है । उनमें हम कह सकते हैं कि चोरी वगैरा के जो अपराध है वह कम है।
पुलिस की छवि को मीडिया या अन्य माध्यम से नकारात्मक प्रस्तुत किया गया है आप क्या कहेंगे ?
हां यह महसूस जरूर किया जाता है कि पुलिस की जो नेगेटिव छवि है उसको ज्यादा प्रस्तुत किया गया है और ज्यादा उसको हाईलाइट किया गया है। सिनेमा आदि में भी पुलिस की छवि को लोगों ने नकारात्मक छवि को दिखाया गया । हाईलाइट किया गया है । जिस कारण से पुलिस की छवि खराब हुई है । लेकिन वास्तविकता में ऐसा नहीं है पुलिस के द्वारा भी समाज में अच्छे अच्छे काम किए जाते हैं,परंतु मीडिया और मनोरंजन की दुनिया में सही ढंग से प्रस्तुत नहीं किया जाता है। पुलिस की छवि को नेगेटिव ज्यादा दिखाया जाता है ,ताकि लोगों का इंटरेस्ट है ऐसी बातों को देखने में अधिक होता है ।
ड्रग जैसा व्यापार इस क्षेत्र में है ?
देखिए यह एक छोटा ग्रामीण क्षेत्र है और ड्रग जैसे अपराध और नशे की लत शहरों की अपेक्षा गांव में नहीं है । क्षेत्र में ड्रग अपराध के लिए कोई घटना नहीं है मेरी जानकारी जहां तक है।
आपके द्वारा पुलिस विभाग को ही सेवा के लिए क्यों चुना गया ?
यह आपने बहुत ही अच्छा सवाल मुझसे किया है, मेरा पुलिस विभाग को चुनने का एक सबसे बड़ा उद्देश्य यह था कि, जो समाज में व्याप्त बुराइयां हैं ,समाज में जो कुरीतियां हैं, उनसे लड़ने के लिए, उनको मिटाने के लिए,सबसे अच्छा रास्ता सबसे अच्छा साधन पुलिस विभाग ही मेरी नजर में था। इसीलिए मैंने पुलिस विभाग को चुना। फिर भी यदि अगर भाग्य से पुलिस विभाग में ना होता, तो शायद किसी शिक्षा विभाग में टीचिंग कर रहा होता या टीचर के रूप में सेवा रत होता । मेरे द्वारा पूर्व में टीचिंग का कार्य भी किया गया है।
क्या आपके क्षेत्र में नाबालिग अपराध भी पनप रहा है ?
नहीं सामान्य रूप से हमारे क्षेत्र में नाबालिग अपराध की संख्या नहीं है।